पढ़ें कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियां-

कोलकाता के आरजी कर हॉस्पीटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की सरकार, अस्पताल और पुलिस कर्मियों की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. बता दें कि मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी तुरंत सुनवाई शुरू कर दी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में कोलकाता रेप और मर्डर केस पर पीठ पूरी तैयारी के साथ आई थी. इसे लेकर कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स का भी गठन करने की बात कही है.

वहीं, कोर्ट ने टास्क फोर्स को भी डेडलाइन दे दी है. गुरुवार तक सीबीआई को केस में अब तक जांच कहां तक पहुंची है, उसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर सौंपने को कहा है. वहीं, टास्क फोर्स को तीन हफ्ते के अंदर मामले की अंतरिम रिपोर्ट सौंपने को कहा है और दो महीने के अंदर फाइनल रिपोर्ट मांगी गई है. बता दें कि मामले में 22 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियां-
1. सुप्रीम कोर्ट ने महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप पर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लेकर पुलिस पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि इतनी देरी से संदीप घोष से पूछताछ क्यों की गई और घटना के तुरंत बाद उनका ट्रांसफर क्यों कर दिया गया.

2. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस प्रशासन से यह भी पूछा कि आखिर संदीप घोष ने इस केस को पहले आत्महत्या क्यों बताया. केस में एफआईआर में इतनी देरी क्यों हुई?>

3. वहीं, कॉलेज में क्राइम सीन पर हुए तोड़फोड़ की घटना पर भी बंगाल सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया. कोर्ट ने पूछा कि आखिर क्राइम सीन पर 7 हजार लोग कैसे पहुंचे और पुलिस को घटनास्थल को सुरक्षित रखना चाहिए था, फिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?

4. डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि यह चिंता का विषय है. यह डॉक्टरों की सुरक्षा की कमियों को उजागर करता है.

5. वहीं, अगर महिलाएं सुरक्षित नहीं है, वह काम पर नहीं जा सकती तो यह बुनियादी समानता से वंचित हैं.

6. कोर्ट ने पीड़िता की पहचान उजागर होने को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि जिस तरह से पीड़िता की जानकारी मीडिया में आई है. इसे गंभीरता से लेनी चाहिए. यह उसकी निजता का ख्याल रखना चाहिए. इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पीड़िता की जानकारी देने वाले कुछ लोगों के खिलाफ नोटिस भी जारी किया गया है.

7. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से 22 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है. केस की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है, जिसमें 10 सदस्य होंगे.

8. कोर्ट ने इस पर भी आपत्ति जताई कि आखिर पीड़िता के माता-पिता को उससे मिलने से क्यों रोका गया. उसके माता-पिता को तीन घंटे देरी से क्यों शव को देखने की इजाजत मिली? जब डेड बॉडी 8.30 बजे मिली तो एफआईआर 11.45 बजे क्यों की गई?

9. पीड़िता के साथ हुए बर्बरता की एफआईआर कॉलेज प्रशासन ने क्यों नहीं किया? यह एफआईआर पीड़िता के पिता की शिकायत पर किया गाय है, उस वक्त तक कॉलेज प्रशासन क्या कर रहा था?

10. इसके साथ ही कोर्ट ने देशभर के डॉक्टरों से अपील की है कि वह काम पर लौट जाए और हम पर भरोसा करें. डॉक्टर्स इस बात को समझें कि देश का हेल्थ सिस्टम उनके पास है और इस हड़ताल से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

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