विदाई या फेयरवेल का समय हमेशा ही खास और भावुक कर देने वाला होता है. वह लोग बहुत ही खुश किस्मत होते हैं जो अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद साथियों के बीच रिटायर होते हैं. अपने कार्यकाल के दौरान काम करने वाले साथियों से परिवार जैसा रिश्ता जुड़ जाता है.
यही बातें राजनीति के क्षेत्र में भी होती हैं. राजनीति सियासी पारी के साथ संवैधानिक के पद पर लंबी पारी खेलने के बाद आखिरकार आज एम वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति के पद से विदाई दी गई. नायडू बुधवार, 10 अगस्त को उपराष्ट्रपति का पद छोड़ देंगे. देश के नवनियुक्त 14वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए जगदीप धनखड़ 11 अगस्त को शपथ लेंगे.
आज राज्यसभा में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को राज्यसभा में विदाई दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और तमाम नेताओं ने विदाई भाषण दिया. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जब स्पीच दी तो वेंकैया भावुक हो गए और अपने आंसू पोंछने लगे.
इस दौरान सदन में मौजूद सभी सांसद मायूस भी थे. “बता दें कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने वेंकैया नायडू के बचपन की कहानी सुनाई. उन्होंने कहा कि जब नायडू महज एक साल के थे, तब उनकी मां की मौत हो गई थी. डेरेक ने कहा कि गांव में एक परिवार था, जिसके पास 8 बैल थे.
एक दिन इनमें से एक भड़क गया और महिला के पेट में सींग से हमला कर दिया. उसकी गोद में एक साल का बच्चा था. उसे वहीं छोड़कर महिला को अस्पताल ले जाया गया, पर उसकी मौत हो गई. वो बच्चा वेंकैया नायडू थे”. टीएमसी सांसद की बातें सुनकर राज्यसभा में मौजूद सभी सदस्य कुछ समय के लिए मौन हो गए.
विदाई समारोह में पीएम मोदी ने वेंकैया नायडू के साथ अपने अनुभव साझा किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडू के कार्यकाल को याद करते हुए अपने अनुभव साझा किए. एम वैंकेया नायडू की विदाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया. पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सब सदन के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति पर उन्हें धन्यवाद देने के लिए उपस्थित हुए हैं.
ये सदन के लिए बहुत ही भावुक पल हैं. उन्होंने कहा कि इस सदन को नेतृत्व देने की आपकी जिम्मेदारी भले ही पूरी हो रही हो, लेकिन आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में हमें लंबे संय तक मिलता रहेगा. हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा.
उन्होंने कहा कि एम वैंकैया नायडू ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया. सदन में भी युवा सांसदों को आगे बढ़ाया और प्रोत्साहन दिया . प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज सदन में स्पीकर, राष्ट्रपति वही लोग हैं जो आजाद भारत में पैदा हुए.
सभी साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं. इसका सांकेतिक महत्व है. ये देश में नए युग का प्रतीक है. सदन में भी युवा सांसदों को आगे बढ़ाया. युवाओं के संवाद के लिए यूनिवर्सिटीज और इंस्टिट्यूशंस लगातार जाते रहे. इनका नई पीढ़ी के साथ निरंतर कनेक्ट बना रहा है.
1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में वेंकैया नायडू का जन्म हुआ था
बता दें कि 1 जुलाई 1949 को आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले के छवतपलम में जन्मे वेंकैया नायडू की पहचान हमेशा एक ‘आंदोलनकारी’ के रूप में रही है. वह 1972 में ‘जय आंध्र आंदोलन’ के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए. 1974 में आंध्रप्रदेश में जयप्रकाश नारायण छात्र संघर्ष समिति की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के संयोजक रहे.
उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से प्रभावित होकर आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष में हिस्सा लिया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा. आपातकाल के बाद वे 1977 से 1980 तक जनता पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष रहे.
नायडू भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहने के अलावा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे. उन्होंने मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्रालय के अलावा संसदीय कार्य मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्रालय का भी कामकाज संभाला.
साल 2017 में मोदी सरकार ने वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति बनाया . 5 साल उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा करने के बाद नायडू को राज्य सभा में विदाई दी गई.