देश की राजधानी नई दिल्ली में मोदी सरकार अब ‘राजपथ’ का नाम बदलने जा रही है. 4 दिन पहले 2 सितंबर को केंद्र सरकार ने भारतीय नौसेना का निशान भी बदल दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर को इंडियन नेवी के नए निशान का अनावरण किया. नए निशान से गुलामी का प्रतीक भी हटा दिया गया है.
पहले नेवी के निशान पर लाल क्रॉस बना होता था, जिसे हटा दिया गया है. इसमें ऊपर बाईं ओर तिरंगा बना हुआ है. वहीं नीले रंग के बैकग्राउंड पर गोल्डन कलर में अशोक चिह्न बना है, जिसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा हुआ है.
इससे पहले राजधानी दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास के लिए मशहूर सड़क का नाम रेस कोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया गया था. अब केंद्र सरकार ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलने का फैसला कर लिया है.
इसे ‘कर्तव्यपथ’ के नाम से जाना जाएगा. नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल की स्पेशल मीटिंग 7 सितंबर, बुधवार को होनी है. इसमें इस बारे में प्रस्ताव लाया जाएगा. नेताजी स्टेच्यू से राष्ट्रपति भवन तक का पूरा मार्ग अब ‘कर्तव्यपथ’ के नाम से जाना जाएगा. गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी. 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी.
उसके बाद यहां निर्माण कार्य तेजी से जारी है. सेंट्रल विस्टा एवेन्यू सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है. राजपथ के दोनों किनारों पर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू उद्घाटन के लिए तैयार है. पीएम मोदी 8 सितंबर गुरुवार को जिसका शुभारंभ कर सकते हैं.
दरअसल सेंट्रल विस्टा एवेन्यू राजपथ का 1.8 किमी लंबा हिस्सा है और इंडिया गेट और विजय चौक के बीच इसके किनारे लगे लॉन हैं. इस कार्य में चार पैदल यात्री अंडरपास, आठ एमेनिटी ब्लॉक, राजपथ की रिलेइंग, इसके साथ और लॉन में रास्तों का निर्माण, नहरों में सुधार और उस पर 16 स्थायी पुलों का निर्माण, और बिजली और अन्य केबलों के लिए भूमिगत उपयोगिता नलिकाओं का निर्माण शामिल है.
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पहला लुक सोमवार को जनता के सामने आया. एवेन्यू की शानदार तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. राजपथ के साथ बने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में राज्यवार फूड स्टॉल, चारों ओर हरियाली के साथ लाल ग्रेनाइट पैदल मार्ग, वेंडिंग जोन, पार्किंग स्थल और चौबीसों घंटे सुरक्षा की व्यवस्था होगी.
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने नाम बदले जाने का दे दिया था संकेत
बता दें कि पिछले महीने हैं 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान राजपथ के नाम बदले जाने के संकेत भी दे दिए थे. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने औपनिवेशिक मानसिकता से जुड़े प्रतीकों को खत्म करने पर जोर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश काल की याद दिलाने वाले नामों और प्रतीकों को हटाने पर जोर दिया था.
ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलने का फैसला किया है. जिसके बाद इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा. ब्रिटिश काल में राजपथ को किंग्सवे कहा जाता था.
सेंट्रल विस्टा परियोना के तहत बनने वाली संसद भवन की नई इमारत करीब 65,400 स्क्वायर मीटर में बनाई जाएगी और यह भव्य कलाकृतियों से युक्त होगी. इमारत एक तिकोना ढांचा होगा और इसकी ऊंचाई पुरानी इमारत जितनी ही होगी.
इसमें एक बड़ा संविधान हॉल, सांसदों के लिए एक लाउन्ज, एक लाइब्रेरी, कई कमेटियों के कमरे, डाइनिंग एरिया जैसे कई कम्पार्टमेंट होंगे. बता दें कि इसके लोकसभा चैंबर में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सीट होंगी.
शंभू नाथ गौतम