मोदी सरकार ने अपने पहले ही कार्यकाल के दौरान वीआईपी कल्चर को लेकर बड़ा फैसला लिया था. इसके तहत मंत्रियों और अन्य नेताओं की गाड़ियों से लाल बत्ती हटाने के निर्देश जारी किए गए थे. अब बीजेपी शासित एक और राज्य में वीआईपी कल्चर को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. दरअसल राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है.
इसके तहत अब हर गाड़ी यानी वाहन को लाल बत्ती पर रुकना होगा. फिर चाहे वह मुख्यमंत्री का ही काफिला क्यों न हो, या फिर किसी मंत्री की ही गाड़ी क्यों न हो रेड लाइट सिग्नल होने पर हर व्हीकल को ग्रीन बत्ती होने तक रुकना होगा.
आमतौर पर जब भी किसी वीआईपी का काफिला गुजरता है उस दौरान बाकी सभी वाहनों को रोककर इन वीआईपी व्हीलक्स को रास्ता दिया जाता है फिर चाहे रेड लाइट क्यों न हो नेताओं की गाड़ियां बिना रोक टोक के निकल जाया करती थीं, लेकिन अब भजनलाल सरकार की ओर से लिए गए नए फैसले के तहत किसी भी वाहन को रेड लाइट सिग्नल पर रुकना ही होगा. इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि नेताओं के काफिले की वजह से उन्हें काफी परेशानी होती थी.
इसके साथ ही ट्रैफिक जाम जैसी समस्या से भी राहत मिलेगी. क्योंकि जब कोई काफिला निकलता था उस दौरान बाकी जगहों के ट्रैफिक को रोका जाता था, ऐसे में रुकने की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लगने लग जाती थीं. इस फैसले के बाद ट्रैफिक जाम जैसी समस्या से भी राहत मिलेगी.
क्या है नया नियम
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को डीजीपी के साथ एक बैठक की. इस दौरान वीआईपी कल्चर को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. सीएम ने कहा कि इससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि वीआईपी मूवमेंट की वजह से लोगों को रास्ते पहले से बंद मिलते थे और ऐसे में उन्हें ट्रैफिक जाम जैसी समस्या से जूझना होता था. नए नियम के तहत अब हर वाहन को ट्रैफिक सिग्नल पर लाल बत्ती के दौरान रुकना होगा. इसमें सीएम का वाहन भी शामिल रहेगा. हालांकि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहेगा. हालांकि इस नियम के तहत एंबुलेंस शामिल नहीं है.