मोहन भागवत का ‘सच्ची आजादी’ वाला बयान संविधान के खिलाफ: राहुल गांधी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) मोहन भागवत के ‘सच्ची आजादी’ बयान का करारा जवाब दिया है. पटना में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में राहुल गांधी ने मोहन भागवत पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत का ‘सच्ची आजादी’ वाला बयान संविधान के खिलाफ है. राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि वे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को मिटा रहे हैं. कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारतीय संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, यह दलितों पर होने वाले अत्याचारों और कठिनाइयों के बारे में बात करता है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संविधान सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि ‘हम चाहते थे कि जैसे गंगा का पानी हर जगह बहता है, वैसे ही संविधान की विचारधारा भी देश के हर व्यक्ति, हर संस्था तक पहुंचे. कुछ दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली थी. अगर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, तो वे भारत के संविधान को खारिज कर रहे हैं.’ ऐसे में उनका बयान सविंधान के खिलाफ है.

राहुल गांधी ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को मिटाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘वे (आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत) भारत की हर संस्था से डॉ. बीआर अंबेडकर, भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी की विचारधारा को मिटा रहे हैं.’ राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और RSS संविधान को कमजोर कर रहे हैं और हाशिए पर पड़े समुदायों की उपेक्षा कर रहे हैं. अल्पसंख्यकों और दलितों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व तो मिला है, लेकिन उनके पास कोई शक्ति नहीं है.

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