महाराष्ट्र के बदलापुर में की लड़कियों से दुष्कर्म के आरोपी की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक, आरोपी 23 वर्षीय अक्षय शिंदे ने एक कांस्टेबल की बंदूक छीन ली और एक पुलिस अफसर पर गोली चला दी. गोलीबारी में असिस्टेंट पुलिस इंसपेक्टर नीलेश मोरे घायल हो गए. सीनियर इंसपेक्टर संजय शिंदे ने आखिरी गोली चलाई, जिससे अक्षय घायल हो गया. अस्पताल में उसकी मौत हो गई. इस एनकाउंटर पर महाराष्ट्र में सियासत शुरू हो गई है.
महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि आरोपी के हाथ में हथकड़ी बंधी थी. ऐसे में यह कैसे मुमकिन है कि उसने हथियार छीनकर पुलिस वालों पर फायर कर दिया है. इस पर विपक्ष और सरकार के बीच राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो चुकी है. मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि बदलापुर मामला सामने आने के बाद विपक्ष ने आरोपी को फांसी पर लटकाने की मांग की थी. आज जब आरोपी पुलिस पर गोली चलाने के बाद एनकाउंटर में मारा गया है तो इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
बदलापुर दुष्कर्म मामले के आरोपी का एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल सीनियर इंसपेक्टर संजय शिंदे को लेकर नई जानकारी सामने आई है. पता चला है कि संजय शिंदे प्रदीप शर्मा की टीम का हिस्सा रह चुके हैं. प्रदीप शर्मा नेटफ्लिक्स की डॉक्यूसीरीज ‘मुंबई माफिया: पुलिस vs अंडरवर्ल्ड’ में काम कर चुके हैं. सूत्रों ने बताया कि प्रदीप शर्मा ठाणे क्राइम ब्रांच के एटी एक्सटॉर्शन सेल को लीड कर रहे थे, उस समय संजय शिंदे शर्मा उनकी टीम का हिस्सा हुआ करते थे. इस टीम ने 2017 में जबरन वसूली के एक मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के भाई इकबाल कासकर को ठाणे से गिरफ्तार किया था.
प्रदीप शर्मा पर 2014 मराठी क्राइम थ्रिलर फिल्म रेगे भी बनाई गई थी. इस फिल्म में शर्मा की भूमिका दिग्गज अभिनेता महेश मांजरेकर ने निभाई थी. लेखक और पत्रकार एस हुसैन जैदी का उपन्यास ‘द क्लास ऑफ 83’ भी प्रदीप शर्मा और मुंबई पुलिस के दूसरे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसरों पर आधारित थी. प्रदीप शर्मा को 2006 में गैंगस्टर छोटा राजन के करीबी सहयोगी रामनारायण गुप्ता के फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी ठहराया जा चुका है. इस साल की शुरुआत में बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रदीप शर्मा को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
संजय शिंदे पहले मुंबई पुलिस में काम कर चुके हैं. फिलहाज संजय शर्मा बदलापुर दुष्कर्म मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी का हिस्सा हैं. इसके साथ ही संजय शिंदे पर साल 2012 में दो हत्या मामलों के आरोपी विजय पलांडे के पुलिस हिरासत से फरार होने के मामले में भी जांच चल रही है. पलांडे जिस एसयूवी में कथित तौर पर भागा था, उसमें उसकी वर्दी मिली थी. इनमें से एक वर्दी कथित तौर पर संजय शिंदे की थी.
संजय शिंदे पर मुंबई के एक बार शराब पीने के बाद अपने एक साथ पुलिसकर्मी पर गोली चलाने का मामला भी लंबित है. साल 2000 में संजय शिंदे एक किडनैपिंग के मामले में भी जांच के घेरे में आए थे. इस किडनैंपिंग केस को शिंंदे से पूछताछ करने के बाद सुलझाने का दावा किया जाता है. एनकाउंटर करने वाले अफसर संजय शिंदे के खिलाफ लंबित मामलों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. शिवसेना ने कहा है कि आखिर इतने मामलों के आरोपी को जांच टीम का हिस्सा क्यों बनाया गया.
बता दें कि अक्षय शिंदे को बदलापुर के स्कूल में बच्चियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद पांच दिन बाद गिरफ्तार किया गया था. उसे सोमवार को पहली पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए दुष्कर्म के मामले में पूछताछ की जानी थी. पुलिस ने अक्षय को तलोजा जेल से हिरासत में लिया था. जब अक्षय को ले जा रही पुलिस टीम मुंब्रा बाईपास के पास पहुंची, तो अक्षय ने एक कांस्टेबल की बंदूक छीन ली और पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी. जवाबी कार्रवाई में संजय शिंदे ने उस पर गोली चलाई. अक्षय गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया .अस्पताल में उसकी मौत हो गई. कांस्टेबल नीलेश मोरे को भी चोटें आई हैं, जिनका इलाज चल रहा है.