रामसेतु मामले को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक बनाए जाने का मांग पर सरकार विचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को संस्कृति मंत्रालय के सामने रिप्रेजेंटेशन पेश करने की छूट दी है. साथ ही उनके आवेदन का निपटारा किया.
सॉलिसिटर जनरल तुषार महता ने सुप्रीम कोर्ट में सुब्रह्मण्यम स्वामी के आवेदन पर कहा कि रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग पर संस्कृति मंत्रालय में प्रोसेस जारी है.
यदि याचिकाकर्ता स्वामी चाहें तो वहां अतरिक्त बातें रख सकते हैं. इस पर स्वामी ने कहा कि मैं अपनी बात रख चुका हूं. मंत्री जी चाहें तो मुझसे मिल सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा की ये आवेदक की मर्जी पर है, वो इसके लिए स्वतंत्र हैं. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा, ‘अगर मंत्री जी मिलना नहीं चाहते हैं तो मैं किसी से भी नहीं मिलना चाहता. हम एक ही पार्टी में हैं. यह हमारे घोषणापत्र में था. उन्हें 6 हफ्ते में फैसला करने दीजिए या जो भी कदम उठाएं.’
इससे पहले केंद्र ने 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर फरवरी के पहले सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करेगी. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने स्वामी को आश्वासन दिया था कि मामले की सुनवाई फरवरी के दूसरे सप्ताह में की जाएगी.
पीठ ने बीजेपी नेता से यह भी कहा था कि इस मामले की आज सुनवाई होने की संभावना नहीं है क्योंकि संविधान पीठ चल रही है. मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
स्वामी ने कहा था कि सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दाखिल करने की प्रतिबद्धता जताई थी और अदालत से इस मामले में कैबिनेट सचिव को तलब करने को कहा था. सॉलिसिटर जनरल मेहता ने तर्क दिया था कि चर्चा चल रही है और मामला विचाराधीन है.
उन्होंने कोर्ट से फरवरी के पहले सप्ताह में मामले की सुनवाई के लिए समय निर्धारित करने की अपील की थी. खंडपीठ ने मामले को फरवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.