प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने जेड मोड़ टनल का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में इस दौरान, केंद्रीय मंत्री मंत्री नितिन गडकरी, जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित अन्य अदिकारी मौजूद हैं. कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने सुरंग का दौरा किया. सुरंग के उद्घाटन के बाद उन्होंने सुरंग का निर्माण करने वाली टीम से बात की. कर्मियों ने पीएम मोदी को निर्माण में आई परेशानियों के बारे में भी बताया.
श्रीनगर-लेह हाइवे एनएच-1 पर गांदरबल में बनी टनल श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ेगी. ये 6.4 किलोमीटर लंबी डबल टनल है. बर्फबारी की वजह से हाईवे साल में छह महीने तो बंद ही रहता है लेकिन अब इस टनल की मदद से लोगों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी.
श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग पहुंचने में पहले एक घंटा लगता था पर अब टनल की मदद से महज 15 मिनट में ये दूरी तय कर ली जाएगी. इस टनल की मदद से गाड़ियों की स्पीड में भी इजाफा होगा. पहले जहां गाड़ियां 30 किमी प्रति घंटे चलती थी पर अब 70 किमी प्रति घंटा चल पाएंगी. पहले जहां इस इलाके को पार करने में तीन से चार घंटे लग जाया करते थे, अब इसकी दूरी 45 मिनट ही लगता है.
जेड मोड़ टनल से पर्यटन के साथ-साथ देश की सुरक्षा को भी बल मिलेगा. ये प्रोजेक्ट बहुत जरुरी है. आसान भाषा में कहें तो बर्फबारी के वक्त जिस सामान को हेलिकॉप्टर से ले जाना पड़ता था. वह अब सड़क मार्ग से लेकर जाया जा सकता है. इससे खर्चा भी कम पड़ेगा. हालांकि, जेड मोड़ टनल के इस्तेमाल में थोड़ा समय लगेगा. क्योंकि इसके आगे जोजिला टनल बनेगी. 2026 में जोजिला टनल का काम पूरा होगा, जिससे अमरनाथ गुफा, कारगिल और लद्दाख को हर मौसम में कनेक्टिविटी मिलेगी.
बता दें, इस प्रोजेक्ट की शुुरुआत साल 2012 में की गई थी. पीपीपी मॉडल के तहत बनी टनल का अगस्त 2023 तक शुरू हो जानी चाहिए थी पर कोरोना काल के कारण इसके निर्माण में देरी हुई. इसके बाद प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लग गई, जिससे टनल का उद्घाटन टलता रह गया. आसान भाषा में बोलें तो टनल को पूरा होने में कुल 12 साल लगे.
बता दें, अक्टूबर 2024 में आतंकवादियों ने टनल में काम करने वाले कर्मचारियों पर हमला कर दिया था. दो आतंकवादी गगनगीर स्थित मजदूरों के कैंप में घुस गए थे. उन्होंने फायरिंग भी की थी. टनल का निर्माण कर रही कंपनी के छह मजदूरों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी.