एमएसपी समेत तमाम मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शनिवार को दिल्ली मार्च बुलाया. 101 किसानों के जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच के लिए निकला. हालांकि, शंभू बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग करके उनका रास्ता रोक दिया. जब किसानों ने बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.
पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर देश के किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. प्रदर्शन के 307वें दिन किसान केंद्र सरकार के साथ बातचीत की मांग पर अड़े हुए हैं. किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंढेर ने इस मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर चुप रहने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही.
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की है कि 101 किसानों का एक नया जत्था शनिवार (14 दिसंबर 2024) दोपहर हरियाणा के शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच कर करेगा. किसानों का विरोध मार्च फिर से शुरू होने से कुछ घंटे पहले हरियाणा सरकार ने शनिवार को सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजने की सेवाओं को निलंबित कर दिया. यह निलंबन 17 दिसंबर तक लागू रहेगा.
प्रशासन की तरफ से कहा गया, “अंबाला के डंगडेहरी, लेहगढ़, मानकपुर, ददियाना, बड़ी घेल, छोटी घेल, ल्हारसा, कालू माजरा, देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार), सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है.”