बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के नए दर्शन परिसर ‘महाकाल लोक’ को कुछ देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन पहुंच चुके हैं.
वाराणसी में काशी विश्वनाथ के बाद देश के एक और ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर का नया रूप निखर गया है. प्रधानमंत्री मोदी शाम 6.30 बजे 200 संतों और 60 हजार लोगों की मौजूदगी में ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण कर अवलोकन करेंगे.
इसके बाद वे कार्तिक मेला मैदान में सभा को संबोधित करेंगे. महाकाल लोक प्रोजेक्ट को दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है. इसके बाद 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा.
इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है, जिस पर चलकर भक्त गर्भगृह तक पहुंचेंगे. उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण से पहले गायक कैलाश खेर महाकाल स्तुति करेंगे. महाकाल लोक गलियारा पुरानी रुद्र सागर झील के चारों और फैला हुआ है.
उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र को पुनर्विकास करने की परियोजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गया है. देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक यहां महाकालेश्वर मंदिर में स्थापित है और यहां देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
गलियारे के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं. यह गलियारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है तथा मार्ग में मनोरम दृश्य पेश करता है. उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर के नवनिर्मित गलियारे में 108 स्तंभ बनाए गए हैं, ये पूरा महाकाल मंदिर इन स्तंभों पर टिका होगा. महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन की परिकल्पना को जिस सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है, सैकड़ों वर्षों के बाद उसे साकार रूप दे दिया गया है.