पीएम मोदी मंगलवार और बुधवार को तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने लक्षद्वीप दौरे से कई दिलचस्प तस्वीरें साझा की, जो सोशल मीडिया पर काफी पसंद की जा रही है. इस दौरान मोदी ने अपने स्नॉर्कलिंग का अनुभव भी लोगों से साझा किया और इसे काफी ज्यादा आनंददायक बताया. उन्होंने कहा कि अगर आप एडवेंचर करने के शौकीन हैं, जो आपकी लिस्ट में लक्षद्वीप जरूर होना चाहिए.. ऐसे में चलिए जानें, आखिर क्या है ये स्नॉर्कलिंग जिसे करके पीएम मोदी को मजा आ गया…
क्या है स्नॉर्कलिंग?
स्नोर्कलिंग में आप समुन्द्र की सतह पर रह कर समुंद्री जीवन का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके लिए आपको फिन, सांस लेने के लिए एक ट्यूब होती और मास्क पहनना पड़ता है, जिसकी मदद से आप समुद्र की सतह पर तैरते हुए समुन्द्र की गहराइयों में देख सकते हैं. जो लोग तैरना नहीं जानते, उनके लिए एक एक्सपर्ट गाइड तैनात रहता है, जो उन्हें स्नोर्कलिंग में मदद करता है. गौरतलब है कि, स्नोर्कलिंग भारत के कुछ ही चुनिंदा बीचों पर होती है, जहां लोग इसका आनंद ले सकते हैं. इनमें सबसे विशेष है लक्षद्वीप, जो अपने अडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल है. जहां खुद पीएम मोदी ने स्नोर्कलिंग का आनंद लिया.
स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग में अंतर
स्नोर्कलिंग के बारे में पढ़ते हुए, ये आपको हूबहू स्कूबा डाइविंग जैसा ही लग रहा होगा, मगर बता दें कि दोनों में काफी ज्यादा अंतर है. मसलन स्नोर्कलिंग खासतौर पर उन लोगों के लिए है, जो गहरे पानी मे जाने से डरते हैं. ऐसे में स्नोर्कलिंग उन्हें समुंद्री जीव जंतुओं को देखने का मजा समुंद्र की सतह पर ही तैरते हुए देता है.
साथ ही जहां एक ओर स्कूबा डाइविंग में भारी उपकरण पहनने पड़ते हैं और काफी महंगी फीस अदा कर इसका लुत्फ लेना पड़ता है, वहीं स्नोर्कलिंग स्कूबा डाइविंग की तुलना में काफी ज्यादा सस्ता है.
स्नोर्कलिंग को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने अपने लक्षद्वीप बीच सैर की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि, जो लोग एडवेंचर करना चाहते हैं, उनकी लिस्ट में लक्षद्वीप होना चाहिए. उनके लिए स्नॉर्कलिंग का अनुभव काफी ज्यादा आनंददायक रहा. पीएम मोदी द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में वे बीच पर कुर्सी पर बैठे लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता को निहारते नजर आ रहे हैं.
वहीं कुछ तस्वीरों में पीएम मोदी एकांत बीच पर टहल रहे हैं. उन्होंने लक्षद्वीप के बारे में लिखा कि, ये द्वीपों का एक समूह ही नहीं है, बल्कि परंपराओं की एक विरासत है.