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जानिए कौन है तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मागौड़ा, जिनके आगे नतमस्तक हुए पीएम मोदी

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कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी प्रचार अपने चरम पर है. पीएम नरेंद्र मोदी भी बीजेपी के लिए धुआंधार चुनावी रैली कर रहे हैं. इस बीच पीएम मोदी ने उत्तर कन्नड़ जिले के अंकोला में पद्म पुरस्कार प्राप्त तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मागौड़ा से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने सिर झुकाकर दोनों महिलाओं का अभिवादन किया. तो आइए जानते हैं तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मागौड़ा के बारे में.

तुलसी गौड़ा को ‘Encyclopedia Of Forest’कहकर पुकारते हैं. साल 2021 में उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया था. तुलसी गौड़ा का ताल्लुक हल्लकी स्वदेशी जनजाति से है. वह आज भी पारंपरिक पोशाक में रहती हैं.

तुलसी गौड़ा ने 30 हजार से ज्यादा पौधे लगाए और उनका संरक्षण किया. वह पेड़ पौधों की सेवा करना पसंद करती हैं. उनको कर्नाटक में ग्रीन रिवॉल्यूशन लाने के प्रयास के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. उनका जन्म अंकोला के होन्नाली गांव में हुआ. महज 21 साल की उम्र से ही तुलसी गौड़ा पर्यावरण की सेवा कर रही हैं.

2021 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था. राष्ट्रपति भवन में जब तुलसी पुरस्कार लेने पहुंचीं तो पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया था. समारोह के बाद प्रधानमंत्री ने उनसे मुलाकात की थी और उनकी प्रयासों की सराहना की थी. वह राष्ट्रपति भलव में सम्मान ग्रहण करने अपने पारंपरिक पोशक में ही आई थीं.

कर्नाटक में अंकोला तालुक के हरे-भरे पहाड़ों में जन्मी सुकरी बोम्मगौड़ा ने अपनी मां के जरिए लोक संगीत सीखा. उनको कम उम्र से ही संगीत से लगाव था. उन्होंने आदिवासी समुदायों के संरक्षण और उनके कल्याण के लिए काम किया. लोग सुकरी बोम्मगौड़ा को The Nightingale of Halakki Vokkaliga tribes’ भी कहते हैं.

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के अंकोला में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा,’कांग्रेस सरकार के दौरान सालाना 30 हजार करोड़ का विदेशी निवेश आता था. डबल इंजन की सरकार बनने के बाद 3 साल में निवेश बढ़कर 90,000 हजार करोड़ सालाना हुआ.’

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