बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. इस बीच, एक बड़ी खबर सामने आ रही है. छपरा शराबकांड का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
शीर्ष अदालत में इसको लेकर एक याचिका दायर की गई है. इसमें मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की गई है. साथ ही मृतकों के आश्रितों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है.
छपरा जहरीली शराबकांड में अब तक 50 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कह रहे हैं कि जो शराब पीएगा वह मरेगा ही. उन्होंने विधानसभा में भी स्पष्ट कर दिया कि जहरीली शराब पीने से मरने वालों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा.
विधानसभा में सीपीआई के विधायक सतेंद्र कुमार ने मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग की थी. इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिफर गए. उन्होंने भाकपा विधायक की मांग पर कड़ी आपत्ति जताई. साथ ही कहा कि जहरीली शराब पीकर मरने वालों को वह एक पैसा भी मुआवजा नहीं देंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि जब वह लोकसभा चुनाव लड़ते थे तब भाकपा और माकपा उनका साथ देती थी.
छपरा में जहरीली शराब पीने से 50 लोगों से ज्यादा की मौत होने के बाद बिहार के साथ ही देश की सियासत भी गरमा गई है. सीएम नीतीश कुमार लगातार कह रहे हैं कि जो शराब पीएगा वह मरेगा ही. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शराब पीने से जिन लोगों की मौत हुइ है, उनके आश्रितों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा. इस मसले पर विधानसभा में काफी हंगामा हुआ. हालात को इसी से समझा जा सकता है कि सदन की कार्रवाई को स्थगित तक करनी पड़ गई.
सारण जिले में जहरीली शराबकांड के कारण 50 से अधिक लोगों की मौत के बाद उत्पाद विभाग की नींद टूटी है. छपरा जहरीली शराब कांड में मशरख थाने से चोरी की गई स्प्रिट से शराब बनाने का मामला आने के बाद उत्पाद विभाग की टीम इसकी जांच करने की बात कह रही है. विभाग का कहना है कि बिहार के सभी थानों में जब्त शराब की जांच की जाएगी. सभी थानों में जब्त किए गए शराब के सैंपल को लैब भेजा जाएगा.