बिहार की राजधानी पटना में सोमवार तड़के एक बार फिर से बवाल हो गया. दरअसल, बीपीएससी छात्रों के समर्थन में पटना के गांधी मैदान में अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उसके बाद वहां जमकर बवाल हुआ. प्रशांत किशोर के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई. बावजूद इसके पुलिस ने गांधी मैदान को खाली करा दिया. प्रशांत किशोर को हिरासत में लिए जाने के बाद उनकी पार्टी और समर्थकों को पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए.
दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर छात्र पिछले कई दिनों से पटना में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच प्रशांत किशोर भी छात्रों के समर्थन में उतर आए और उन्होंने पटना के गांधी मैदान में अनिश्चिचितकाली भूख हड़ताल शुरू कर दी.
प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी को आमरण अनशन शुरू किया. जिसमें सैकड़ों छात्र भी पटना के गांधी मैदान में जुट गए. प्रशांत किशोर को हटाने के लिए सोमवार सुबह पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उनके साथ ही उनके कई समर्थकों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया. उसके बाद गांधी मैदान को भी खाली करा दिया. हिरासत में लेने के बाद पुलिस उन्हें एंबुलेंस में बैठाकर एम्स ले गई है.
प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के बाद उनके समर्थकों ने पटना पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें जबरन हटाया गया है. जानकारी के मुताबिक, जब पुलिस ने गांधी मैदान को खाली कराना शुरू किया तब प्रशांत किशोर अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल पर सो रहे थे.
जन सुराज पार्टी के समर्थकों ने आरोप लगाया कि साढ़े तीन बजे सोए हुए लोगों पर लाठी चलाना, लात चलाना सही है क्या? उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रशांत किशोर के चेहरे पर मारा. उन्होंने वर्दी के भेष में क्रिमिनल जैसा काम किया. प्रशांत किशोर के समर्थकों का करना है कि आखिर वे कर क्या रहे ते? वे बिहार की जनता के लिए इंसाफ मांग रहे थे.