अहमदाबाद| गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर केबल पुल टूटने के मामले में सोमवार को 9 लोगों को गिरफ्तार कर किया गया है. गिरफ्तार किये गए आरोपियों में ओरेवा के 2 मैनेजर, 2 टिकट क्लर्क, 3 सिक्योरिटी गार्ड और 2 रिपेयरिंग कांट्रेक्टर शामिल हैं.
इन आरोपियों को पकड़ने के लिए गुजरात एटीएस , राज्य खुफिया विभाग और मोरबी पुलिस ने जगह-जगह छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद इन्हें हिरासत में लिया गया था. ये सभी 9 आरोपी ओरेवा कंपनी के कर्मचारी हैं.
राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा, ‘इस हादसे के सिलसिले में कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वारदात में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. एफएसएल और एसआईटी के निर्देश और मार्गदर्शन के अनुसार, आगे की जांच और सटीक साक्ष्य प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को हासिल करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.’
गुजरात के मोरबी जिले में मच्छु नदी पर बना करीब 143 साल पुराना पुल गिरने से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में अभी तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है. आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है.
पुलिस ने इस मामले में केबल पुल के रखरखाव और संचालन का काम देखने वाली एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की है. भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या की सजा) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
‘बी’ डिवीजन के पुलिस निरीक्षक प्रकाश देकीवाडिया द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बना पुल लगभग आठ महीने से उपयोग में नहीं था क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने इसके रखरखाव के लिए एक ‘निजी एजेंसी’ को काम सौंपा था.
वहीं मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था कि शहर में घड़ियां और ई-बाइक निर्माता ओरेवा ग्रुप को पुल के नवीनीकरण और संचालन का ठेका दिया गया था. मोरबी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राहुल त्रिपाठी ने कहा था कि रविवार रात प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कुछ लोगों को प्रारंभिक पूछताछ के लिए बुलाया गया था.