नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों के खिलाफ इनाम घोषित किया है. दाऊद इब्राहिम के खिलाफ जांच एजेंसी ने 25 लाख रूपए के नगद इनाम की घोषणा की है. एनआईए की तरफ से ये जानकारी साझा की गई. दाऊद 1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में मुख्य आरोपी है.
एनआईए ने दाऊद इब्राहिम के करीबी छोटा शकील पर 20 लाख, हाजी अनीस उर्फ अनीस इब्राहिम शेख, जावेद पटेल उर्फ जावेद चिकना और इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक मेमन उर्फ टाइगर पर 15-15 लाख रुपए का नकद इनाम रखा है. ये सभी 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों के मामले में वांछित आरोपी हैं. एजेंसी ने फरवरी में ‘डी कंपनी’ के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
एनआईए ने एक बयान में कहा कि दाऊद इब्राहिम कास्कर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी नामित किया गया है. वह एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क चलाता है. इसका नाम डी-कंपनी है. डी-कंपनी में अनीस इब्राहिम शेख, छोटा शकील, जावेद चिकना और टाइगर मेमन जैसे दाऊद के करीबी सहयोगी शामिल हैं.
डी-कंपनी विभिन्न आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. इस गिरोह से जुड़े लोग हथियारों की तस्करी, ड्रग्स स्मगलिंग, अंडरवर्ल्ड आपराधिक सिंडिकेट, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंड जुटाने के लिए अवैध कब्जे जैसे काम करते हैं. यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल कायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के लिए भी काम करता है.
गौरतलब है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची में छिपा बैठा है. वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ काम कर रहा है. आईएसआई की मदद से उसने भारत के खिलाफ कई आतंकी हमले किए हैं. 2003 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उसपर 25 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था.
वह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, हिजबुल मुजाहिद्दीन के संस्थापक सैयद सलाउद्दीन और उसके करीबी अब्दुल रउफ असगर के साथ भारत के मोस्ट वांटेड लोगों में शामिल है.