भारतीय नौसेना के साहसिक अभियानों में एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ गया है. INSV तारिणी पर सवार लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने समुद्री अन्वेषण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. इन जांबाज महिला अधिकारियों ने 30 जनवरी 2025 को भारतीय समयानुसार 0030 बजे दुनिया के सबसे सुदूरवर्ती समुद्री बिंदु पॉइंट नीमो को सफलतापूर्वक पार किया.
क्या है पॉइंट नीमो?
पॉइंट नीमो को धरती का सबसे दुर्गम बिंदु माना जाता है. यह 48°53′S 123°24′W निर्देशांक पर स्थित है और किसी भी भूमि से 2,688 किलोमीटर दूर है. यह इतना अलग-थलग स्थान है कि यहां इंसानी उपस्थिति का कोई चिह्न नहीं होता. अंतरिक्ष में घूमता हुआ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) ही यहां के सबसे करीब मानव उपस्थिति माना जाता है.
इस बिंदु का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे स्पेसक्राफ्ट कब्रिस्तान कहा जाता है, जहां निष्क्रिय उपग्रहों और अंतरिक्ष स्टेशनों को गिराया जाता है ताकि धरती पर आबादी को किसी खतरे से बचाया जा सके.
इस सफर के दौरान INSV तारिणी ने बिना किसी इंजन के केवल पाल के सहारे समुद्री यात्रा की. इस चुनौतीपूर्ण मार्ग से गुजरते हुए महिला अधिकारियों ने पानी के नमूने भी एकत्र किए, जिन्हें अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी में विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा. इन नमूनों से समुद्री जैव विविधता और रासायनिक संरचना के बारे में अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है, जो वैश्विक समुद्र विज्ञान अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान देंगी.
पॉइंट नीमो का जल विश्लेषण जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने में मदद करेगा. इस अभियान से भारतीय नौसेना का वैज्ञानिक सहयोग भी मजबूत हुआ है.
INSV तारिणी की यह यात्रा नविका सागर परिक्रमा II के तहत हो रही है, जो भारतीय महिला नौसेना अधिकारियों की अदम्य साहस और वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. यह मिशन भारत के समुद्री अभियानों को नई दिशा देने के साथ महिलाओं के नेतृत्व की ताकत को भी दर्शाता है. INSV तारिणी अब अपने अगले पड़ाव पोर्ट स्टेनली, फॉकलैंड द्वीप की ओर बढ़ रही है, जहां से यह यात्रा और भी महत्वपूर्ण पड़ावों को छूने के लिए तैयार है.