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नोएडा: नैनीताल बैंक का सर्वर हैक कर 16 करोड़ रुपये की ठगी, गैंग का एक और शातिर गिरफ्तार

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सांकेतिक फोटो

नैनीताल बैंक से 16 करोड़ रुपये निकालने की साजिश का मामला हाल ही में सामने आया है, जिसमें बैंक की नोएडा शाखा के सर्वर को हैक कर पैसे चुराने का प्रयास किया गया.

अपराधियों ने बैंक के आरटीजीएस (Real-Time Gross Settlement) सिस्टम में सेंधमारी की और बैंक मैनेजर के लॉगिन डिटेल्स का उपयोग करके इस बड़ी राशि को विभिन्न फर्जी खातों में ट्रांसफर कर दिया। यह धोखाधड़ी तब उजागर हुई जब बैंक प्रबंधन ने अनियमितताओं को नोटिस किया और पुलिस को सूचना दी

पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और अपराधियों को पकड़ने के लिए साइबर अपराध विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. इस घटना से बैंकिंग सेक्टर में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं.

जानकारी के अनुसार, यह मामला नोएडा के सेक्टर 62 में स्थित नैनीताल बैंक का है. इस साइबर फ्रॉड की शुरुआत जून 2024 में हुई थी. बैंक के सर्वर को हैक कर ठगो ने बैंक के मैनेजर का लॉगिन पासवर्ड हासिल कर लिया था.

ठगी की की पूरी प्लानिंग 16 जून से 20 जून 2024 के बीच बनी. इस दौरान साइबर ठगों ने नैनीताल बैंक के सर्वर को हैक किया और मैनेजर के लॉगिन पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए बैंक के आरटीजीएस सिस्टम में घुसपैठ की.

इस तरह ठगों ने बैंक के इंटरनल सिस्टम में बदलाव किए और 16.5 करोड़ रुपये को 89 खातों में ट्रांसफर कर दिया. यह ठगी इतनी शातिर तरीके से की गई कि बैंक को तुरंत इसका पता नहीं चला. कई दिनों तक बैलेंस शीट में गड़बड़ी मिलने के बाद जब बैंक ने जांच शुरू की, तब जाकर इस पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ.

साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार का कहना है कि इस मामले में दो लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. साइबर थाने की टीम ने अब तक 4 करोड़ 10 लाख की रकम फ्रीज कराई है. जांच में पता चला है कि धोखाधड़ी की धनराशि को निकाल कर अन्य सह आरोपियों के खातों तक पहुंचाया गया है. इसमें करीब सौ खातों का इस्तेमाल किया गया है. सभी खातों की पड़ताल की जा रही है.

इससे पहले साइबर थाने की पुलिस ने गाजियाबाद से शुभम बंसल को इस मामले में गिरफ्तार किया था. शुभम एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ था. वह गाजियाबाद में एक फर्म चलाता था. आरोप है कि काले धन को सफेद करने में शामिल है. इनकी एक फर्जी फर्म में नैनीताल बैंक फ्रॉड के 99 लाख रुपये आए थे. हालांकि, गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही इसे जमानत मिल गई थी.

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