सोमवार शाम को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आधी धूलभरी आंधी ने तबाही मचा दी. मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक होर्डिंग गिरने से 88 लोग घायल हो गए. इनमें से 14 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. जबकि 74 लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है. जानकारी के मुताबिक, ये होर्डिंग 15 हजार वर्ग फीट से भी बड़ा था. अधिकारियों का कहना है कि इस होर्डिंग को नगर निकाय की अनुमति के बिना लगाया गया था. इस मामले में पुलिस ने कंपनी मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
दरअसल, सोमवार शाम मुंबई में अचानक मौसम बदल गया. आसमान में बादल घिर आए और धूल भरी आंधी के साथ बारिश होने लगी. आंधी इतनी तेज थी कि घाटकोपर की समता कॉलोनी के रेलवे पेट्रोल पंप पर लगा एक विशाल होर्डिंग आकर गिर गया. होर्डिंग के नीचे 88 लोग दब गए. उसके बाद वहां चीख पुकार मच गई. पुलिस और मुंबई फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची. टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से होर्डिंग के नीचे दबे लोगों को निकालना शुरू किया. तब तक कई लोगों की मौत हो गई. इस घटना का वीडियो भी अब सामने आ गया है.
बताया जा रहा है कि जिस वक्त होर्डिंग पेट्रोल पंप के पास आकर गिरा. उस समय वहां 100 से ज्यादा लोग खड़े हुए थे. होर्डिंग गिरते ही वहां चीख पुकार मच गई. घटना के बाद पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से राहत बचाव अभियान शुरू किया. जिसके चलते कई लोगों की जान बच गई लेकिन इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई. रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार सुबह तक चलता रहा. तड़के 3 बजे तक होर्डिंग के नीचे दबे 86 लोगों को निकाल लिया गया. अभी भी 74 घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. जिसमें कई की हालत नाजुक बनी हुई है. जबकि 31 लोगों को मामूली चोटों आई हैं जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया.
इस मामले में बीएमसी ने एक बयान जारी कर कहा कि बिलबोर्ड का निर्माण बिना अनुमित के किया गया था. बीएमसी का कहना है कि उस स्थान पर चार होर्डिंग लगे हुए थे. उन सभी को पुलिस आयुक्त (रेलवे मुंबई) के लिए एसीपी (प्रशासन) द्वारा अनुमोदित किया गया था. होर्डिंग्स लगाने से पहले एजेंसी/रेलवे द्वारा बीएमसी की कोई अनुमति नहीं ली गई थी. पुलिस ने इस मामले में अब बिलबोर्ड का निर्माण करने वाली एजेंसी एम/एस ईगो मीडिया और उसके मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. वहीं पंत नगर पुलिस स्टेशन में होर्डिंग के मालिक भावेश भिंडे और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 338, 337 में मामला दर्ज किया गया है.