महाराष्ट्र में लंबी खींचतान के बाद देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश की सत्ता संभाल ली है. महाराष्ट्र में अब सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के बीच अब विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. हर नेता अपनी पार्टी के लिए अच्छे विभागों की मांग कर रहे हैं. प्रदेश में विभागों का बंटवारा कैसे होगा, इस पर अंतिम मुहर लग चुकी है. सब कुछ फिक्स माना जा रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश की 132 सीटों पर परचम लहराने वाली भाजपा के खाते में 20 कैबिनेट मंत्री होंगे. वहीं, शिवसेना के पास 12 तो एनसीपी के पास 10 मंत्री पद होंगे. उम्मीद है कि देवेंद्र फडणावीस की अगुवाई वाली सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 14 दिसबंर तक हो सकता है. बता दें, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री ही हो सकते हैं.
सूत्रों से जानकारी मिली है कि शिवसेना के खाते में गृहमंत्रालय नहीं जाएगा. गृह मंत्रालय भाजपा अपने पास ही रखेगी. उन्हें राजस्व विभाग भी नहीं मिलेगा. शिवसेना गृह मंत्रालय की मांग कर रही है.
एक दिन पहले, देवेंद्र फडणवीस ने एक ऐसा फैसला लिया, जिससे एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना को तगड़ा झटका लगा है. फडणवीस ने रामेश्वर नाइक को मुख्यमंत्री राहत को कोष का प्रमुख नियुक्त कर दिया है. इससे पहले एकनाथ शिंदे के करीबी मंगेश चिवटे इस पद को संभाल रहे थे. नाइक ने चिवटे की जगह ले ली है. एकनाथ शिंदे ने चिवटे को जून 2022 में राहत कोष का प्रमुख नियुक्त किया था.
विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन ने बंपर जीत हासिल की. गठबंधन ने 288 में से 230 सीटों पर अपना परचम फहराया. लंबी खींचतान के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अजित पवार और एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बने हैं. अब मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा हो रही है.