पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Z+ की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है. खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद से उनकी सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया गया है. सीएम मान को अब देशभर में जेड प्लस की सुरक्षा मिलेगी. उनको यह सुरक्षा सीआरपीएफ की तरफ मुहैया कराई जाएगी. सीआरपीएफ की ओर से उनको देशभर में जेड प्लस का सुरक्षा कवर दिया जाएगा.
बताते चलें कि जेड प्लस सुरक्षा आखिर किसको दी जाती है. जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला केंद्र सरकार करती है. खुफिया विभागों द्वारा हासिल सूचना के आधार पर जेड प्लस और अन्य तरह की सुरक्षा वीआईपी लोगों को दी जाती है. जेड सुरक्षा दो तरह की होती है. एक जेड प्लस और दूसरी जेड. आमतौर पर केंद्र के बड़े मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को जेड प्लस सुरक्षा मिली होती है.
इस बीच देखा जाए तो भारत में सुरक्षा व्यवस्था को 4 श्रेणियों में विभाजित किया गया है. जेड प्लस (Z+), (उच्चतम स्तर); जेड (Z), वाई (Y) और एक्स (X) श्रेणी. सरकार इस बात का निर्णय ले सकती है कि इन 4 श्रेणियों में किसे कौन से स्तर की सुरक्षा देनी है. सरकार खतरे के आधार पर यह वीआईपी सुरक्षा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद, नौकरशाह, पूर्व नौकरशाह, जज, पूर्व जज, बिजनेसमैन, क्रिकेटर, फिल्मी कलाकार, साधु-संत या आम नागरिक किसी को भी दे सकती है.
जेड प्लस सुरक्षा को देश की दूसरी बड़ी सुरक्षा माना जाता है. इसमें 36 सुरक्षाकर्मी होते है. इनमें 10 एनएसजी और एसपीजी कमांडो होते हैं. साथ ही कुछ पुलिस पर्सनल भी शामिल होते हैं. इसमें इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और सीआरपीएफ (CRPF) के जवान भी सुरक्षा में तैनात होते हैं. इस सुरक्षा में पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है जबकि दूसरी लेयर एसपीजी कमांडो की होती है. साथ ही Z+ सुरक्षा में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन भी दिए जाते हैं.