महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में मतदान से पहले ही बीजेपी ने सख्ती दिखाते हुए पार्टी के 40 नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी ने निष्कासित कर दिया. बीजेपी ने इन सभी नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. ये भी नेता और कार्यकर्ता राज्य की 37 अलग-अलग विधानसभाओं से हैं. पार्टी ने ये कार्रवाई तब की है जब बीजेपी शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत गुट) के गठबंधन महायुति ने अपना घोषणापत्र जारी किया है, इस घोषणा पत्र में महायुति ने महाराष्ट्र को “अभूतपूर्व समृद्धि और विकास” की ओर ले जाने की बात कही है.
इस बार महाराष्ट्र में टिकट न मिलने से कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) समेत लगभग सभी पार्टी के कई नेता बागी हो गए. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में कूद पड़े. बीजेपी ने इस तरह की नाराजगी देखने को मिली है. इनमें दो पूर्व सांसद तक शामिल हैं. इनमें हीना गावित (नंदुरबार) और ए टी पाटिल (जलगांव) का नाम शामिल है. पार्टी से नाराजगी के बाद भी हीना ने नंदुरबार से चुनावी मैदान में ताल ठोंक दी है तो वहीं एटी पाटिल जलगांव से चुनाव लड़ रहे हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र की नंदुरबार सीट से 2014 और 2019 में सांसद रह चुकी हीना गावित ने भी विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी ठोंक दी है. जो इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गोवाल पाडवी से हार गईं थीं. विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय ही चुनावी मैदान में कूद गईं. ऐसा ही हाल एटी पाटिल का भी है.
वह भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काट दिया. इसके बाद उन्होंने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में कूदने की ठान ली. इनके अलावा पार्टी के 30 नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है और वह अभी भी मैदान में टिके हुए हैं.