दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा के निधन पर झारखंड और महाराष्ट्र में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को अपने-अपने राज्यों में एक दिन के राजकीय शोक की बात कही है. यह राजकीय शोक रतन टाटा के सम्मान में रखा गया है.
रतन टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. इस दौरान महाराष्ट्र के सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और कोई भी मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रतन टाटा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किए जाने के निर्देश दिए हैं.
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “एक अनमोल रत्न नहीं रहे. भारत के कोहिनूर नहीं रहे, वो हमसे बिछड़ गए. रतन टाटा हमारे बीच नहीं रहे ये हमारे दुखद है. वो महाराष्ट्र और भारत देश के अभिमान थे.उनको देख कर लोगों में ऊर्जा और प्रेरणा आती थी. उन्हें कई पुरस्कार मिले, उन्हें पुरस्कार देने से पुरस्कार का मान बढ़ गया. उन्होंने लाखों करोड़ों लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने का काम किया. मैं महाराष्ट्र सरकार और जनता की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी दिग्गज बिजनेसमैन के निधन पर शोक जताते हुए अपने राज्य में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है.
सीएम सोरेन ने दुख और संवेदना जाहिर करते हुए कहा कि रतन टाटा देश के अनमोल रत्न थे. उन्होंने उद्योग जगत के साथ-साथ समाजसेवा और परोपकार के क्षेत्र में देश और दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. वे एक सच्चे राष्ट्रवादी थे. उनका जीवन उपलब्धियों से भरा रहा है. रतन टाटा एक-एक देशवासी के दिलों में राज करते थे. उनका निधन राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है.