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Mahakumbh Stampede: महाकुंभ भगदड़ के बाद प्रयागराज में अब तक क्या हुआ! जानिए पूरी अपडेट

महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे मेले की व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया. लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते प्रशासन के लिए हालात संभालना चुनौतीपूर्ण हो गया था. अब हादसे के दूसरे दिन स्थिति कैसी है, प्रशासन ने क्या कदम उठाए, और आगे क्या होगा? आइए जानते हैं अब तक की पूरी अपडेट.

भगदड़ कैसे हुई?
मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचे. भीड़ लगातार बढ़ती गई, और संतों की शोभा यात्रा से पहले अव्यवस्था फैल गई. बैरिकेडिंग टूटने और अफवाहों के कारण अचानक भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालु गिर पड़े और चोटिल हो गए.

गृह मंत्री अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ से की बात
हादसे के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर हालात का जायजा लिया. केंद्र सरकार ने यूपी सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया और रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के निर्देश दिए.

प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
हादसे के बाद प्रयागराज प्रशासन ने आपात बैठक बुलाई और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. NDRF और पुलिस बल की संख्या बढ़ाई गई और स्नान घाटों पर अतिरिक्त बैरिकेडिंग की गई. सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि भगदड़ के असल कारणों का पता लगाया जा सके.

संतों ने बदला अपना कार्यक्रम
हादसे को देखते हुए अगली शोभा यात्राओं को रद्द करने का फैसला लिया गया. संत समाज ने ऐलान किया कि अब वे बिना किसी लाव-लश्कर के सादगी से अमृत स्नान करेंगे.

श्रद्धालुओं को क्या निर्देश दिए गए?
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. स्नान के लिए अलग-अलग समय स्लॉट बनाए गए हैं ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके.
सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं.

अब आगे क्या होगा?
सरकार घटना की उच्च स्तरीय जांच करवा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. संतों और श्रद्धालुओं से बातचीत कर बेहतर यातायात और सुरक्षा व्यवस्था लागू करने पर जोर दिया जा रहा है. आने वाले बड़े स्नान पर्वों के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है, जिससे महाकुंभ का आयोजन सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से हो सके. महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ प्रशासन के लिए एक बड़ी चेतावनी है. हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है, लेकिन सबसे जरूरी है कि श्रद्धालु संयम बनाए रखें और अफवाहों से बचें. प्रशासन अब पहले से ज्यादा सतर्क है ताकि आगे कोई अनहोनी न हो.

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