Farmer Protest: पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर से किसानों को क्यों हटाया! जानिए अंदर की बात

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर साल भर से बैठे किसानों का धरना खत्म हो गया है. पंजाब पुलिस ने देर रात एक्शन में किसानों को धरना स्थल से उठा दिया. पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से किसानों के टेंट हटाने के लिए बुलडोजर एक्शन का भी सहारा लिया. बुलडोजर से पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों के टेंटों को उखाड़कर फेंक दिया. इस तरह से 13 महीने बाद शंभू बॉर्डर खुल गया है. पंजाब के बाद हरियाणा ने भी अपनी-अपनी ओर से रास्तों को खोलना शुरू कर दिया है. अब जब शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटा दिया गया है, ऐसे में सवाल है कि आखिर इस कार्रवाई के पीछे क्या-क्या वजहें हैं? आखिर आम आदमी पार्टी ने ऐसा क्यों किया? तो चलिए जानते हैं पंजाब पुलिस के एक्शन की वो वजहें, जिसके कारण शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर खाली कराए गए.

अरविंद केजरीवाल का पंजाब दौरा, लुधियाना के उद्योगपतियों की ओर से आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेतृत्व को दिया गया फीडबैक और आने वाला अहम लुधियाना उपचुनाव- ऐसा लगता है कि भागवंत मान सरकार की ओर से पंजाब में एक साल से भी ज्यादा समय से चले आ रहे किसानों के धरना स्थलों को खाली कराने के लिए की गई कड़ी कार्रवाई के पीछे यही सब कारण रहे हैं.

आप को दिखा मौका
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल इस हफ्ते पंजाब के दौरे पर थे. दो दिन पहले ही वो लुधियाना में थे. सूत्रों का कहना है कि लुधियाना के उद्योगपतियों ने आम आदमी पार्टी नेतृत्व को बताया कि अगर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी रहा तो पार्टी को आगामी उपचुनाव में वोट नहीं मिलेंगे.

तो यह रही वजह
उद्योगपतियों ने आप नेतृत्व को बताया कि किसानों के प्रदर्शन की वजह से व्यापार को भारी नुकसान हो रहा है. पंजाब के दोनों बॉर्डर पर एक साल से भी ज्यादा समय से किसान धरने पर बैठे हैं. इससे व्यापार और ट्रकों की आवाजाही प्रभावित हो रही है.

रणनीति के पीछे क्या वजह
ऐसे में ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सोची समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है. सरकार ने दो दिन पहले ही दोनों बॉर्डर पर पानी की बौछारें और पुलिस बल तैनात कर दिया था. लेकिन सरकार किसान नेताओं को प्रदर्शन स्थल से उठाना नहीं चाहती थी. इससे कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती थी.

मौके के इंतजार में थी पंजाब पुलिस
पंजाब सरकार मौके का इंतजार कर रही थी. बुधवार को सरकार को यह मौका मिल गया. इस दिन किसान नेता सर्वण सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दलेवाला केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के लिए चंडीगढ़ आए थे. किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, शिवराज सिंह चौहान और प्रह्लाद जोशी से मुलाकात हुई. बैठक बेनतीजा रही. लेकिन पंजाब पुलिस दोनों किसान नेताओं पर नजर रख रही थी. जैसे ही किसान नेता शंभू के लिए रवाना हुए पुलिस ने उनका पीछा किया. जैसे ही वो पंजाब बॉर्डर में दाखिल हुए, उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

पंजाब पुलिस ने बोला धावा
इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धावा बोल दिया. वहां मौजूद बाकी प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में ले लिया गया. दोनों जगहों पर किसानों ने अस्थाई टेंट लगा रखे थे. जेसीबी मशीनों की मदद से उन्हें हटा दिया गया. देर रात तक दोनों जगहों से नाकेबंदी हटा दी गई.

कांग्रेस-बीजेपी हमलावर
कांग्रेस और बीजेपी ने भगवंत मान सरकार के इस कदम की आलोचना की है. दोनों दलों का कहना है कि किसानों के साथ धोखा और विश्वासघात किया गया है. हालांकि, अटकलें हैं कि आम आदमी पार्टी लुधियाना उपचुनाव जीतने के लिए बेताब है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि लुधियाना उपचुनाव जीतकर आप अरविंद केजरीवाल को राज्यसभा भेजने का रास्ता साफ करना चाहती है. पंजाब सरकार उद्योगों को हो रहे नुकसान का हवाला दे रही है. पंजाब के वित्त मंत्री हारपाल सिंह चीमा ने कहा कि किसान दिल्ली में जाकर धरना दे सकते हैं. उनका विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार से है, पंजाब सरकार से नहीं.

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