पंजाब-हरियाणा का शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज यानी सोमवार को पंजाब बंद का आह्वान किया है. जिसका असर राज्य में देखने को मिल रहा है. बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने सोमवार को पंजाब बंद का आह्वान किया था. जिसके बाद आज राज्य में सड़कें और रेल यातायात बंद हो गया है और सड़कें सूनी दिख रही है, जबकि ट्रेनों के चक्के भी जाम हो गए हैं. किसान संगठनों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है और रेलवे ट्रैक पर भी धरना प्रदर्शन शुरू किया है. जिसके चलते राज्य के कई इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ है.
बता दें कि किसान संगठनों ने सोमवार, 30 दिसंबर को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक पंजाब बंद का आह्वान किया था. इसके साथ ही किसानों ने धरेरी जट्टान टोल प्लाजा पर धरना दिया, जिससे पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई. बता दें कि केंद्र द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा पिछले सप्ताह बंद का आह्वान किया गया था. जिसके चलते अमृतसर के गोल्डन गेट पर, किसानों ने शहर के प्रवेश बिंदु के पास इकट्ठा होना शुरू कर दिया, जबकि बठिंडा के रामपुरा फूल में भी किसानों ने सड़कों को बंद कर दिया है.
पंजाब बंद के आह्वान पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने रविवार को कहा कि, सोमवार को पूर्ण बंद रहेगा, हालांकि इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि, “बंद सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक लागू रहेगा. इस दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी. अगर कोई व्यक्ति फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट जा रहा है या कोई नौकरी के लिए साक्षात्कार में भाग लेने जा रहा है, या किसी को शादी में शामिल होना है. उनपर कोई पाबंदी नहीं होगी. ये सभी चीजें हमारे बंद के आह्वान से बाहर रखी गई हैं.”
बता दें कि पंजाब के किसान लंबे समय से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं आज किए गए पंजाब बंद के दौरान राज्य में रेलवे ने 150 ट्रेनें रद्द कर दी हैं. इनमें वंदे भारत और शताब्दी जैसी ट्रेनें भी शामिल हैं.
वहीं पंजाब बंद के बीच जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल जारी है, बता दें कि 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल सोमवार को 35वें दिन में प्रवेश कर गई. डल्लेवाल ने अब तक चिकित्सा उपचार से इनकार कर दिया है. डल्लेवाल ने पहले कहा था कि जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मान लेती, तब तक वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे.