भारतीय खुफिया एजेंसियां खालिस्तान समर्थक संस्थाओं (PKE) की बदला लेने की योजना की तरफ इशारा करने वाले कई इनपुट की निगरानी कर रही हैं. सूत्रों ने बताया कि एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और लगातार सूचनाओं पर नजर रख रही है और आवश्यकता के अनुसार कार्रवाई कर रही हैं. वहीं 2 जुलाई को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के बाद एक संकलित रिपोर्ट तैयार की गई है.
शीर्ष स्तर के सूत्रों के मुताबिक, पता चला है कि अपने तीन नेताओं की मौत के बाद खालिस्तान का शीर्ष नेतृत्व दबाव में है. हरदीप सिंह निज्जर की पिछले महीने कनाडा में हत्या कर दी गई थी. वहीं पाकिस्तान में रह रहे 63 वर्षीय खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवार की मई में हत्या की खबरें सामने आईं. और पिछले महीने जून में भारतीय दूतावास पर हमले की योजना बनाने वाले खालिस्तान समर्थक नेता अवतार सिंह खंडा की ब्रिटेन में मौत हो गई थी.
खालिस्तानी आतंकवादियों पर नज़र रखने के लिए जिम्मेदार शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, पीकेई की पंजाब में हिंदू नेताओं पर हमला करने की योजना है. उन्होंने कहा, ‘इनपुट मिले हैं कि दो हिन्दू नेताओं को खतरा है.’ इसी तरह, खालिस्तान समर्थक संस्थाओं ने ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारतीय वाणिज्य दूतावासों के बाहर हिंसक विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है.
खुफिया ग्रिड के सूत्रों ने कहा कि स्थानीय सरकारों की मदद से भारतीय वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा बढ़ाने और पीकेई को ऐसी गतिविधियों से रोकने के लिए बातचीत चल रही है. इसके साथ ही, ऐसे इनपुट भी मिले हैं कि अपने नेतृत्व की मजबूती का आभास देने के लिए खालिस्तानी आतंकी समूहों ने अपने जनमत संग्रह अभियान को और अधिक आक्रामक बनाने की योजना बनाई है. इसी कड़ी में विभिन्न देशों में सोशल मीडिया और स्थानीय युवाओं का इस्तेमाल अपना बदला दिखाने के लिए किया जा रहा है.
इसके साथ ही भारतीय एजेंसियां घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू पर भी नज़र रख रही हैं, जो लगातार अज्ञात स्थानों से वीडियो शेयर कर रहा है. सूत्रों ने कहा कि निज्जर की मौत पर कनाडा में जुलूस निकाले जाने के बाद खालिस्तानी समूहों के नेताओं ने ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में वाणिज्य दूतावासों में काम करने वाले भारतीय अधिकारियों को निशाना बनाकर हिंसक गतिविधियों की योजना बनाई.
उन्होंने कहा कि पीकेई ने 8 जुलाई को इन देशों में विभिन्न स्थानों पर जिस रैली की योजना बनाई है, वह वाणिज्य दूतावासों के बुनियादी ढांचे पर हमला कर सकती है, जिससे भारतीय अधिकारियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है.
इस साल 23 मार्च को मोगा जिले में पंजाब पुलिस द्वारा अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद से खालिस्तानी अलगाववादियों को बार-बार नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इसने भारत में फिर से आतंक फैलाने के खालिस्तानी समूहों के एजेंडे को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.
खालिस्तानी आतंकियों ने बनाया खास प्लान, टार्गेट पर पंजाब के 2 हिन्दू नेता, खुफिया एजेंसियों ने किया अलर्ट
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