पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प के बाद शहर के कुछ इलाकों में इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया गया है. राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी भी तैनात की है. पुलिस के मुताबिक होली के दिन (शुक्रवार, 14 मार्च 2025) को बीरभूम के सैंथिया में दो गुटों के बीच कुछ कहासुनी के चलते मारपीट हो गई.
अधिकारियों के अनुसार, अफवाहों और गैरकानूनी गतिविधियों को फैलने से रोकने के लिए कम से कम पांच ग्राम पंचायत क्षेत्रों में इंटरनेट सस्पेंड कर दिया गया है. इंटरनेट सेवाओं पर बैन 14 मार्च से लेकर 17 मार्च तक प्रभावी रहेगा. बीरभूम में पथराव की घटना की रिपोर्ट के बाद प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात किया गया है.
सरकारी आदेश के अनुसार, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अपराध के लिए उकसावे को रोकने के हित में अस्थायी रूप से संदेशों का प्रसारण नहीं किया जाएगा. बीरभूम जिले में जहां इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया है, उसमें सैंथिया, हटोरा ग्राम पंचायत (जीपी), मठपालसा जीपी, हरिसरा जीपी, दरियापुर जीपी और फुलुर जीपी शामिल हैं.
इंटरनेट बंद और इस तरह के हालात बनने पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इंटरनेट को संस्पेंड करना इस बात का सबूत है कि प्रशासन स्थिति से निपटने में विफल है. बीजेपी नेता ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “पश्चिम बंगाल सरकार अपनी साख बचाने के लिए सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को छिपाने की पूरी कोशिश कर रही है. मैं गृह मंत्रालय और महामहिम बंगाल के राज्यपाल से आग्रह करता हूं कि वे राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के संबंध में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगें.”
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि झड़प की घटनाएं सिर्फ बीरभूम में ही नहीं, बल्कि तामलुक, नंदकुमार और राज्य भर के अन्य इलाकों में भी हुई है. केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी बीरभूम में कथित झड़प को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की पुलिस निष्क्रिय हो गई है.