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नहीं रहे देश के जाने माने अर्थशास्त्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री वाई. के. अलघ, 83 साल की उम्र में हुआ निधन

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पूर्व केंद्रीय मंत्री योगेंद्र के. अलघ

देश के जाने माने अर्थशास्त्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री योगेंद्र के. अलघ (83) का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार (6 दिसंबर) को निधन हो गया. उनके बेटे मुनीश अलघ ने बताया कि सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनोमिक एंड सोशल रिसर्च के एमेरिटस प्रोफेसर अलघ का स्वास्थ्य कुछ वक्त से ठीक नहीं था और आज उन्होंने उसके चलते अपने प्राण त्याग दिये.

उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रोफेसर वाईके अलघ प्रतिष्ठित विद्वान थे जिन्होंने सार्वजनिक नीति के विभिन्न पहलुओं विशेष रूप से ग्रामीण विकास, पर्यावरण और अर्थशास्त्र के बारे में काफी काम किया. उन्होंने कहा कि उनके निधन से उनको दुख पहुंचा है और वह उनके साथ हुई मुलाकातों को सदैव याद रखेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि उनकी संवेदना उनके परिवार और मित्रों के साथ हैं. ऊं शांति.

कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने भी वाईके अलघ के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह भारत के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक योगिंदर अलघ के निधन की खबर से बेहद दुखी हैं. उन्होंने कहा कि उनको अलघ के साथ चार दशक से भी अधिक का निजी और पेशेवर जुड़ाव था.

जयराम रमेश ने अपने दूसरे ट्वीट में उनको याद करते हुए कहा कि अलघ ने कई रिसर्च इंस्टीट्यूशन का निर्माण किया और वह अपने समय के सबसे समृद्ध व्यक्तियों में से एक थे. जयराम रमेश ने कहा कि सरदार सरोवर बांध के निर्माम के पीछे उनका ही सबसे बड़ा योगदान है.

वाई के अलघ का जन्म 1939 में चकवाल में हुआ जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. अलघ ने राजस्थान के एक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. उन्होंने पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मानद डिग्री ली थी. वह दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे. वह 1996-98 तक केंद्रीय योजना और कार्यक्रम क्रियान्वयन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और ऊर्जा राज्य मंत्री भी रहे.

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