भारत सरकार देश के भगोड़े और मोस्ट वांटेड अपराधियों का विदेशों से प्रत्यर्पण कराने की लगातार कोशिश कर रही है. इस बीच 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण कर भारत लाया जा चुका है. लेकिन भारतीय जांच एजेंसी अभी उन कारोबारियों के प्रत्यर्पण का इंतजार कर रही हैं जो भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाकर देश से फरार हो गए.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ये बड़े बिजनेसमैन देश की बैंकों को करीब 40 हजार करोड़ रुपये की चपत लगाकर विदेश भाग गए. सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां इन घोटालों की जांच कर रही हैं और भगोड़े कारोबारियों के प्रत्यर्पण का इंतजार कर रही हैं. इनमें विजय माल्या, नीरव मोदी समेत प्रमुख पांच नाम शामिल हैं.
भारत के भगोड़े कारोबारियों की सूची में पहला नाम है मेहुल चोकसी का. हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी भारतीय बैंकों का 13,500 करोड़ रुपये लेकर देश से फरार हो गया. वह साल 2018 से भारत से फरार है. बीते दिनों उसे बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि अभी तक उसके प्रत्यर्पण में कामयाबी नहीं मिल पाई है. भारत सरकार ने बेल्जियम से उसके प्रत्यर्पण की मांग की है. बता दें कि मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक का हजारों करोड़ रुपये लोन वापस न करने का आरोप है. मेहुल चोकसी ने भारत से भागने के बाद एंडीगुआ और बरमुडा की नागरिकता ले ली थी.
भारत के भगोड़ों की सूची में दूसरा नाम किंगफिशर कंपनी के मालिक विजय माल्या है. जिसपर भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा कर्ज है जिसे उसने वापस नहीं किया और भारत से फरार हो गया. विजय माल्या ने अपनी एयरलाइन कंपनी किंगफिशर के लिए कई बैंकों से कर्ज लिया था लेकिन वह बिना रुपये चुकाए ही विदेश फरार हो गया, उसके बाद वह कभी भारत वापस नहीं आया. उसके बाद उसकी एयरलाइन कंपनी किंगफिशर बंद हो गई.
भगोड़े कारोबारियों की सूची में तीसरा नाम गुजरात के बिजनेसमैन नितिन जे संदेसरा का है. जो देश की बैंकों के 5,700 करोड़ रुपये फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का मुख्य आरोपी है. संदेसरा स्टर्लिंग बायोटेक का मालिक है भारत सरकार ने नितिन संदेसरा को भी भगोड़ा और आर्थिक अपराधी घोषित किया है. वह साल 2017 में एजेंसियों को चकमा देकर परिवार समेत देश छोड़कर नाइजीरिया भाग गया.
भारत के भगोड़ों की सूची में एक नाम इंडियन प्रीमियर लीग (IPL)के पूर्व प्रमुख ललित मोदी का भी है. वह आईपीएल प्रमुख पद पर रहने के दौरान नीलामी में हेरफेर का आरोपी है. वह साल 2010 में भारत छोड़कर भाग गया और ब्रिटेन में रह रहा है. इस दौरान भारत सरकार ने कई बार ललित मोदी के प्रत्यर्पण की कोशिश की लेकिन अभी तक उसे भारत लाने में कामयाबी नहीं मिली है. साल 2013 में बीसीसीआई ने ललित मोदी के जीवनभर क्रिकेट से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगा दी थी.
भगोड़े कारोबारियों की सूची में पांचवां नाम नीरव मोदी का शामिल है वह पंजाब नेशनल बैंक में हुए 13,000 करोड़ रुपए के घोटाले का मुख्य आरोपी है. नीरव मोदी साल 2018 में भारत से फरार हो गया. वह भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का भांजा है. जिसने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ करीब 10 साल तक हीरों का व्यापार किया.