पूरा देश आज अपना राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है. आज का दिन पूरे देश को हमेशा चंद्रयान-3 मिशन की चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग की याद दिलाता रहेगा. आज के ही ऐतिहासिक दिन चंद्रयान-3 मिशन ने पूरी दुनिया में भारत का डंका बजा दिया था. उसी की याद में पहला वर्षगांठ मनाया जा रहा है.
आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिल्ली में आयोजित होने वाले खास कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी. पूरे देश में इस दिन को त्योहार की तरह मनाया जा रहा है. स्कूलों-कॉलेजों में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.
साल 2023 में आज के ही दिन चंद्रमा पर विक्रम लैंडर ने कदम रखा था. भारतीय अंतरिक्ष मिशन का यह बेहद खास पड़ाव था, क्योंकि लैंडर विक्रम में चंद्रमा के जिस दक्षिणी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग की थी वहां किसी ने भी इससे पहले लैंडिंग नहीं की थी. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए यह मील का पत्थर साबित होने वाला प्रोजेक्ट साबित हुआ है. इसी ऐतिहासिक दिन की उपलब्धि के लिए आज के दिन को अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
पहला नेशनल स्पेस डे को पूरे देश में एक खास थीम के साथ मनाया जा रहा है. साल 2024 के लिए राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के लिए थीम रखा गया है. चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा (Touching Lives while Touching the Moon: India’s Space Saga). इसी थीम के साथ पूरे देश में आज कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इसरो 23 अगस्त को चंद्रयान-3 मिशन की ओर से एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा को जारी करेगा जिसका उपयोग शोधकर्ता शोध कार्य के लिए इस्तेमाल करेंगे. पिछले दो महीनों में देश भर में एक हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यहां भारत मंडपम में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में शिरकत करेंगी और भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन और इसरो रोबोटिक्स चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगी.
भारत स्पेस एज में कदम रख चुका है. अंतरिक्ष में रॉकेट उड़ा रहा है. सूर्य का गहन अध्ययन करने के लिए आदित्य एल वन मिशन रवाना कर चुका है. अगले साल स्पेस में अंतरिक्ष यात्री भेजने की दिशा में काम हो रहा है. इसी कड़ी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि नासा-इसरो सहयोग के तहत अगले साल अप्रैल तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भर सकता है. उन्होंने कहा कि अभियान के लिए दो भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर एक्सिओम स्पेस एक्स-4 मिशन के लिए अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्ला को एक्स-4 मिशन के लिए नियुक्त किया है, जबकि नायर प्रतिस्थापन उम्मीदवार होंगे.