वीरांगनाओं पर राजस्थान सरकार और भाजपा का टकराव बढ़ता जा रहा है. 10 दिनों से अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं तीन शहीदों की वीरांगनाओं को कल तड़के तीन बजे धरना स्थल से जयपुर पुलिस ने हटा दिया और उनका समर्थन कर रहे भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में ले लिया था.
आज भाजपा कार्यकर्ता ने इसके खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. भाजपा कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए आज अशोक गहलोत के आवास की ओर मार्च करने के दौरान उग्र हो गए. प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. अभी दोनों पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने हैं.
आपको बता दें कि 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में मारे गए तीन सैनिकों की वीरांगनाओं को जयपुर में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के घर के बाहर प्रदर्शन करते समय पुलिस ने शुक्रवार सुबह हटा दिया और उन्हें उनके रिहायशी इलाकों के पास के अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया. भाजपा ने कार्रवाई को “वीरांगनाओं का अपमान” बताते हुए राज्य सरकार की आलोचना की और उस पर परिवारों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया.
पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सचिन पायलट ने टोंक में संवाददाताओं से कहा कि वीरांगनाओं के मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ सुना जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “मैं आज भी मानता हूं कि हम सड़कें बनाने, घर बनाने और मूर्तियां लगाने जैसी मांगों को पूरा कर सकते हैं. यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम शहीदों की विधवाओं की मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. यह दूसरी बात है कि हम उनके मुद्दों पर सहमत हों या न हों, लेकिन उनकी मांगों को सुनते समय अपने अहंकार को अलग रखना चाहिए. ”
वीरांगनाएं 28 फरवरी से विरोध कर रही हैं और नियमों में बदलाव की मांग कर रही हैं, ताकि अनुकंपा के आधार पर न केवल उनके रिश्तेदारों को बल्कि उनके बच्चों को भी सरकारी नौकरी मिल सके. उनकी अन्य मांगों में सड़कों का निर्माण और उनके गांवों में शहीदों की प्रतिमाएं लगाना शामिल है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीणा पर राजनीतिक लाभ के लिए वीरांगनाओं का उपयोग करने का आरोप लगाया है तो मीणा ने पुलिस पर “उन्हें मारने की कोशिश करने” का आरोप लगाया है.
बढ़ता जा रहा वीरांगनाओं पर राजस्थान सरकार और भाजपा का टकराव, उग्र प्रदर्शन पर पुलिस का लाठीचार्ज
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