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संभल में 46 साल बाद खोले गए मंदिर के पास अवैध अतिक्रमण हटाने का काम शुरू

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संभल में 46 साल बाद खोले गए मंदिर के पास अवैध अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हो गया है. प्रशासन की टीम ने मंगलवार सुबह से अवैध निर्माण का हटाना शुरू कर दिया. बताया जा रहा है प्रशासन की टीम के साथ मजदूरों की एक टीम मंदिर के पीछ मौजूद एक मकान के अंदर पहुंची है. जहां मकान के उस हिस्से को गिराने का काम किया जा रहा है जिसका निर्माण अवैध रूप से किया गया है.

बताया जा रहा है कि मजदूरों की टीम मकान के कुछ हिस्से को ध्वस्त कर रही है. इसके अलावा मकान के ऊपरी हिस्से को जिसका निर्माण अवैध रूप से किया गया है को भी गिराया जा रहा है. इस मकान के मालिक मतीन का कहना है कि मंदिर के बगल में अवैध निर्माण किया गया था, जिसे अब तोड़ा जा रहा है. मेरा पास इसका नक्शा नहीं था, इसलिए अब इसे हटाया जा रहा है.

इससे पहले संभल के एएसपी ने जानकारी दी खी कि कमान मालिक ने खुद ही अतिक्रमण हटाने को कहा है. उन्होंने कहा था कि मकान का अवैध अतिक्रमण हटाने में हमें कोई आपत्ति नहीं है. मकान के जिस हिस्से को को अतिक्रमण के जरिए बनाया गया है उसे हटा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने बच्चों से भी ज्यादा मंदिर का ध्यान रखा है.

बता दें कि संभल में एक मंदिर 1978 से बंद पड़ा था. पिछले दिनों बिजली चोरी की जांच के लिए पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने इस मंदिर को ढूंढ निकाला. इसके बाद रविवार (15 सितंबर) को इस मंदिर को खोला गया और उसकी साफ-सफाई की गई. इसके बाद इस मंदिर में विधि-विधान से मंत्रोच्चारण और पूजा की गई.

संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि यह कार्तिक महादेव का मंदिर है. यहां एक कुआं मिला है, जो अमृत कूप है. इस कुएं की खुदाई में भी खंडित मूर्तियां मिली हैं. प्रशासन ने 24 घंटे के भीतर मंदिर के पास सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए. अब यहां से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हो गया है.

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