कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्ती रवैया अपनाया है. उसने सुप्रीम कोर्ट में अपना आवेदन दाखिल किया है. मंत्रालय ने बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार का रवैया पूरी तरह से असहयोग भरा है. इस तरह से सीआईएसएफ के काम में समस्या आ रही है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आवेदन में कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार, हॉस्पिटल की सुरक्षा सीआईएसएफ के जिम्मे है. लेकिन वहां सीआईएसएफ जवानों के ठहरने के इंतजाम नहीं किया है. जवानों को रोजना करीब एक घंटे का सफर तय करके यहां पर पहुंचना पड़ता है. ऐसे में किसी आपात स्थिति में अतिरिक्त फोर्स उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पाएगा.
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से सीआईएसएफ के लिए व्यवस्था करने का आग्रह किया है. अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती है, तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी. इस मामले में अब 5 सितंबर को सुनवाई होनी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार का रवैया बेहद असहयोग भरा है. इससे सीआईएसएफ के काम परेशानी आ रही है. आर जी कर अस्पताल में तैनात सीआईएसएफ के 97 लोगों में 54 महिला मौजूद हैं. उनके लिए मूलभूत चीजे भी मुहैया नहीं कराई गई हैं. सीआईएसएफ को जगह न मिलने के कारण, उन्हें अपने सुरक्षा उपकरणों को सही तरह से रखने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
जूनियर डॉक्टर के साथ 9 अगस्त को हुई थी हैवानियत
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ था. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. इस मामले को लेकर पूरे पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीते दिनों इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी. इस केस में कई आरोपियों का पॉलीग्राम टेस्ट हुआ. इस टेस्ट से संजय रॉय भी गुजरा है.