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अनिल विज मुश्किल में, हरियाणा भाजपा ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज अपने बयानों को लेकर मुश्किल में हैं. हरियाणा भाजपा ने राज्य के मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी कर पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के खिलाफ उनके हालिया सार्वजनिक बयानों पर 3 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. अनिल विज को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहनलाल बडोली की तरफ से अनिल विज को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.

नोटिस में लिखा गया है कि आपने सार्वजनिक तौर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी की है और बयानबाजी उस वक्त की गई जब पड़ोसी राज्य में पार्टी चुनावी अभियान चला रही थी जिससे पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है. पार्टी ने इस तरह की बयानबाजी को अस्वीकार्य बताया और तीन दिन के अंदर अनिल विज से जवाब मांगा है.

बडोली ने कहा कि विज को नोटिस भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार जारी किया जा रहा है. इसमें कहा गया, हम आपसे तीन दिन के भीतर इस विषय पर लिखित स्पष्टीकरण देने की अपेक्षा करते हैं. कारण बताओ नोटिस में विज से कहा गया कि उनका कदम न केवल पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि यह ऐसे समय में आया, जब पार्टी पड़ोसी राज्य (दिल्ली) में चुनाव प्रचार कर रही थी. नोटिस में कहा गया, चुनाव के समय, एक सम्मानित मंत्री पद पर रहते हुए, आपने यह जानते हुए भी ये बयान दिए हैं कि इससे पार्टी की छवि धूमिल होगी. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

अंबाला छावनी से सात बार के विधायक विज (71) लगातार सैनी पर निशाना साध रहे थे. हालांकि, मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दी और दावा किया था कि ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री नाराज नहीं हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार है. पिछले सप्ताह विज ने कुछ तस्वीरें साझा की थीं, जिसमें दावा किया गया था कि सैनी के एक मित्र के साथ देखे गए कार्यकर्ता एक निर्दलीय उम्मीदवार के साथ भी देखे गए थे, जिसे उन्होंने 2024 में राज्य विधानसभा चुनाव में हराया था.

विज ने अक्टूबर में अपने अंबाला कैंट निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता था और निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को हराकर सातवीं बार विधायक बने थे. विज ने 31 जनवरी को कहा कि उन्हें चुनाव में हराने की कोशिश करने वाले अधिकारियों सहित उन लोगों के मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाए हुए 100 दिन से अधिक हो गए हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. विज ने सैनी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, पदभार संभालने के बाद से वह (सैनी) उड़न खटोला (हेलीकॉप्टर) पर सवार हैं. अगर वह नीचे आए, तो उन्हें लोगों की पीड़ा दिखाई देगी.

30 जनवरी को विज ने अधिकारियों द्वारा उनके आदेशों का पालन नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी और कहा था कि अपने अंबाला कैंट निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की खातिर वह किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह आमरण अनशन पर जाने के लिए तैयार हैं. इससे पहले विज ने कहा था कि बलात्कार के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद बडोली को हिमाचल प्रदेश पुलिस की जांच में निर्दोष पाए जाने तक पार्टी की शुचिता बनाए रखने के लिए हरियाणाा प्रदेश भाजपा प्रमुख के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

पिछले सप्ताह बडोली और गायक रॉकी मित्तल पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली एक महिला समेत छह लोगों पर जबरन वसूली और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया था. संबंधित घटनाक्रम में हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हाल ही में बडोली और मित्तल के खिलाफ कथित सामूहिक बलात्कार मामले में एक अदालत में मामला रद्द करने की रिपोर्ट दायर की. सोलन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव सिंह ने बताया कि आरोपों में कोई सच्चाई नहीं पाए जाने और सबूतों के अभाव के कारण हाल में अदालत में रिपोर्ट दायर की गई.

विज की मनोहरलाल खट्टर के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के साथ भी खींचतान रही. खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं. जब 2014 में भाजपा पहली बार अपने बल पर हरियाणा में सत्ता में आई थी, तो राम बिलास शर्मा सहित कुछ अन्य भाजपा नेताओं के साथ विज मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारों में सबसे आगे थे, लेकिन पार्टी ने पहली बार विधायक बने खट्टर को पद के लिए चुना. मार्च 2024 में, विज भाजपा से इस बात से नाराज बताए गए थे कि जब पार्टी ने खट्टर को मुख्यमंत्री के रूप में बदलने और उनकी जगह सैनी को लाने का फैसला किया, तो उन्हें इस बारे में सूचित नहीं किया गया.

विज ने तब कहा था कि उन्हें इस बारे में चंडीगढ़ में भाजपा विधायकों की बैठक में ही पता चला, जिसमें सैनी के नाम की घोषणा की गई थी. अक्टूबर में विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले सितंबर 2024 में, विज ने कहा था कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करेंगे.

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