गुजरात के पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. संजीव भट्ट को 20 साल की सजा सुनाई गई है. बनासकांठा जिले के पालनपुर की एक अदालत ने संजीव भट्ट को 1996 के मादक पदार्थ जब्ती मामले में 20 साल की कठोर सजा का फैसला सुनाया है. पानपुर अदालत ने बुधवार को ही संजीव भट्ट को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था.
कोर्ट ने गुरुवार को संजीव भट्ट को 20 साल की सजा सुनाई है. संजीव भट्ट के खिलाफ यह दूसरा मामला है, जिसमें उन्हें सजा सुनाई गई है. इससे पहले हिरासत में मौत के मामले में दोषी करार दिए पूर्व आईपीएस अधिकारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
बनासकांठा सत्र अदालत के अतिरिक्त जिला औऱ सत्र न्यायाधीश जे एन ठक्कर ने भट्ट को राजस्थान के एक वकील को झूठा फंसाने का दोषी करार दिया था. उस वक्त संदीप भट्ट बनासकाठा जिले के एसपी थे. गुजरात पुलिस ने राजस्थान के वकील सुमेरसिंह राजपुरोहित को 1996 में ड्रग्स कानून में गिरफ्तार किया था. इस दौरान पुलिस ने दावा किया था कि पालनपुर के एक होटल में वकील के कमरे से ड्रग्स बरामद हुए थे. संजीव भट्ट को 2015 में भारती पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.
पूर्व पुलिस निरीक्षक आई व्यास ने मामले की जांच का अनुरोध करते हुए 1999 में गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. भट्ट को सीआईडी ने सितंबर 2018 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार किया था उस वक्त से वह पालनपुर उप जेल में बंद हैं. उसके बाद पूर्व पुलिस अधिकारी ने मुकदमे को किसी अन्य सत्र अदालत में ट्रांसफर करने की अपील करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था. हालांकि, शीर्ष कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी.