कानून मंत्रालय ने एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी के सदस्यों की घोषणा कर दी है. ये 8 सदस्यीय कमेटी होगी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह के अलावा कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी शामिल होंगे.
इसके अलावा कमेटी में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विधि मंत्रालय के सचिव विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. यह कमेटी तुरंत अपना काम करना शुरू कर देगी और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में होगा. यह कमेटी अविश्वास प्रस्ताव, दल-बदल कानून और त्रिशंकु विधानसभा या लोकसभा की परिस्थितियों का विश्लेषण करेगी और उसके मुताबिक उचित सुझाव देगी.
इस संबंध में सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में बताया गया कि एक साथ चुनाव कराने को लेकर गठित कोविंद समिति तुरंत काम शुरू करेगी और जल्द से जल्द सिफारिशें देगी. यह उच्चस्तरीय समिति इस बात का अध्ययन करेगी कि क्या संविधान में संशोधन के लिए राज्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी. इसके अलावा एक साथ चुनाव कराने की स्थिति में त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या दलबदल से उभरते परिदृश्यों के प्रभाव का विश्लेषण करेगी.
यह समिति उन सभी व्यक्तियों, अभ्यावेदनों और संवाद को सुनेगी और उन पर विचार करेगी जो उसकी राय में उसके काम को सुविधाजनक बना सकते हैं और उसे अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने में सक्षम बना सकते हैं.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और उसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को पीछे छोड़ आम विमर्श के केंद्र में आ गया है.