खाद्य पदार्थों को एक्सपायरी डेट से पहले बेचना अनिवार्य है. इसे लेकर अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) अब और सख्त हो गया है. दरअसल, एफएसएसआई ने लाइसेंस प्राप्त खाद्य निर्माता और आयातकों के लिए एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत अब उन्हें रिजेक्टेड और एक्सपायर फूड आइटम्स का तिमाही डेटा अपने FOSCOS (ऑनलाइन अनुपालन प्रणाली) के माध्यम से पेश करना होगा.
जिससे इनका चीजों को दोबारा इस्तेमाल को रोका जा सके. बता दें कि प्राधिकरण ने यह निर्देश 16 दिसंबर को जारी किया था जो रिपैकर्स और रीलेवलर्स दोनों पर भी लागू होगा. इस रिपोर्ट में तीन प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया है. जिसमें आंतरिक गुणवत्ता परीक्षण या निरीक्षण में फेल होने वाले उत्पादों की मात्रा, फूड सप्लाई चेन से रिजेक्टेड उत्पादों की मात्रा के अलावा प्रोडक्ट डिस्पोजल की डिटेल रिपोर्ट भी शामिल है.
दरअसल, FSSAI के इस आदेश का उद्देश्य किसी भी प्रोडक्ट्स के रीयूज और रीब्रांडिंग को रोकना है. बताया जा रहा है कि FOSCOS रिपोर्टिंग फंक्शन अभी भी विकसित किया जा रहा है. इसलिए नियामक ने खाद्य व्यवसायों से जरूरी डेटा को कलेक्ट करने को कहा है. जिससे इस सिस्टम के शुरू होने पर पेश करने की तैयारियों को सुनिश्चित किया जा सके.
बता दें कि हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने एक आदेश में कहा कि ऐसी चीजों की बिक्री नहीं की जा सकती जिनकी एक्सपायरी डेट 45 दिन यानी डेढ़ महीने से कम बची हो. हालांकि एफएसएसएआई का यह निर्देश ऑनलाइन काम करने वाले सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBO) के लिए था. एफएसएसएआई ने अपने आदेश में कहा था कि एफबीओ कंज्यूमर्स को उन्हीं खाने-पीने की चीजों की डिलीवरी करें, जिनकी एक्सपायरी डेट बिक्री के समय कम से कम 45 दिन बची हो.
इसके साथ ही कंज्यूमर्स की शिकायत को देखते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने भी अहम फैसला लिया है. जिसके तहत अब वह कंज्यूमर्स की शिकायतों और समस्याओं का समय पर समाधान करने के लिए 24 दिसंबर को ई-जागृति ऐप लॉन्च करेगा. इस ऐप के जरिए कंज्यूमर्स अपनी शिकायत बोलकर भी दर्ज करा सकेंगे. जिससे लोगों को शिकायत करने में कोई परेशानी नहीं होगी और वे आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे.