मंगलवार को देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह राज्यसभा से रिटायर हो गए. इस अवसर पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनमोहन सिंह को खत लिखकर कहा कि अब आप राज्यसभा में नहीं होंगे. इस तरह से आप राजनीति से रिटायर हो रहे हैं, मगर तब भी आपकी आवाज देश की जनता के लिए उठती रहने वाली है. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और नौ केंद्रीय मंत्रियों समेत राज्यसभा के कम से कम 54 सदस्य मंगलवार और बुधवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. कुछ उच्च सदन में नहीं लौटेंगे. पूर्व पीएम सिंह बुधवार (3 अप्रैल) को राज्यसभा में अपनी 33 साल लंबी संसदीय पारी को खत्म करेंगे. वहीं पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी पहली बार संसद के उच्च सदन में जाने वाली हैं.
मनमोहन सिंह अर्थव्यवस्था में कई बड़े सुधारों के लिए जाने जाते हैं. अक्टूबर 1991 में पहली बार सदन के सदस्य बने. वह 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री और 2004 से 2014 तक पीएम रहे. इस समय पूर्व पीएम मनमोहन 91 वर्ष के हैं. मनमोहन सिंह के तीन अप्रैल को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद खाली होने वाली सीट पर सोनिया गांधी पहली बार राजस्थान से उच्च सदन में होंगी.
मनमोहन सिंह अर्थव्यवस्था में कई बड़े सुधारों के लिए जाने जाते हैं. अक्टूबर 1991 में पहली बार सदन के सदस्य बने. वह 1991 से 1996 तक नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री और 2004 से 2014 तक पीएम रहे. इस समय पूर्व पीएम मनमोहन 91 वर्ष के हैं. मनमोहन सिंह के तीन अप्रैल को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद खाली होने वाली सीट पर सोनिया गांधी पहली बार राजस्थान से उच्च सदन में होंगी.
सात केंद्रीय मंत्री जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है. ये हैं शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री पुरषोत्तम रूपाला, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे और सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन हैं. पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का भी कार्यकाल बुधवार को खत्म हो जाएगा. सभी केंद्रीय मंत्री लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं. उन्हें उच्च सदन में एक और कार्यकाल नहीं दिया गया है. वैष्णव और मुरुगन को एक और राज्यसभा कार्यकाल दिया है. वहीं 49 सदस्य मंगलवार (2 अप्रैल) को सेवानिवृत्त हो चुके हैं.