महाकुंभ में एक बार फिर आग लगने की घटना से हड़कंप मच गया. यह आग महाकुंभ के सेक्टर-22 में बनाए गए टेंटों पर लगी. यहां पर आग बुझाने की कोशिश हो जारी है, लेकिन अभी तक आग पर काबू पाया नहीं जा सका है. इस दौरान राहत वाली बात है कि मौके पर कोई श्रद्धालु टेंट में मौजूद नहीं था. आग लगने के बाद सभी बाहर निकल आए थे, इसकी वजह से हादसा टल गया.
महाकुंभ का सेक्टर-22 क्षेत्र में झूसी के छतनाग घाट और नागेश्वर घाट के बीच में मौजूद है. गुरुवार को अचानक यहां पर टेंट जलने लगे. यह देखकर श्रद्धालु अपने-अपने टेंटों से बाहर निकल आए. फायर ब्रिगेड को घटना की जानकारी दी गई. कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने पहुंच गईं. आग से 15 टेंट जलकर खाक हो गए है.
आपको बता दें कि इससे पहले 19 जनवरी को महाकुंभ में बड़ा हादसा हुआ. सेक्टर-19 में बनाए गीता प्रेस के पंडाल में आग लग गई. आग से कई टेंट जल गए. इस दौरान सिलेंडर में धमाका भी हुआ था. इस दौरान आसमान में धुएं का गुब्बार देखा गया. हालांकि फायर ब्रिगेड की टीम ने समय रहते आग पर कंट्रोल कर लिया. इससे बड़ा हादसा होने से टल गया.
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर प्रयागराज में आठ करोड़ के आसपास श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान भगदड़ में करीब 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. वहीं कई घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है. ऐसे में यहां पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं. संगम के पूरे क्षेत्र को नो व्हीकल जोन बना दिया गया है. इसके साथ वीआई पास को रद्द कर दिया गया है. अब यहां पर किसी तरह का वीआईपी मूवमेंट नहीं होगा.
बताया जा रहा है कि बुधवार को एक साथ साथ अधिक संख्या में लोग घाट पर तरफ निकल पड़े. भगदड़ में कई यात्री इस दौरान अपने परिजनों से बिछड़ गए. हालांकि बाद में प्रशासन ने हालात पर काबू पाने का प्रयास किया. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस हादसे को लेकर सीएम योगी ने शोक जताया है और पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन दिया है.