महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के चार दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक मुख्यमंत्री का चेहरे से पर्दा नहीं हट पा रहा है. बीजेपी बंपर जीत के बाद भी शिवसेना को रजामंद नहीं कर पा रही है. इस बीच एक और बड़ी खबर सामने आ रही है. जी हां शिवसेना प्रमुख और पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने एक बड़ा दांव चल दिया है. उनके इस दांव ने अचानक महाराष्ट्र की सियासत में घमासान शुरू कर दिया है. यही नहीं उनका दांव सटीक बैठा तो फडणवीस के लिए भी मुश्किल खड़ी हो सकती है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
शिंदे की शर्त और सीएम फेस पर रार
एकनाथ शिंदे चुनाव नतीजों के बाद से ही एक्टिव नजर आ रहे हैं. पहले उन्होंने सीएम पद न छोड़ने के संकेत दिए. इसके बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा तो दिया लेकिन इसके बाद भी फडणवीस के नाम पर कभी हामी भरते नजर नहीं आए. यही नहीं उन्होंने इस मुद्दे पर पीएम मोदी और शाह से बात करने की इशारा भी दिया. हालांकि इस बीच शिंदे ने एक और बड़ा खेला कर दिया. महायुति के सहयोगी दल और एनसीपी प्रमुख अजित पवार से खास मुलाकात कर डाली.
एकनाथ शिंदे ने अचानक मंगलवार को अजित पवार खेमे का रुख कर दिया. एक तरफ जहां बीजेपी ताजपोशी की तैयारियों में जुटी है वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे ने अपनी चाल चलते हुए अजित पवार से खास मुलाकात की. सूत्रों की मानें तो ये मुलाकात 1 घंटे तक गहन चर्चा के रूप में हुई.
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि शिंदे ने अपनी शर्तों के बारे में न सिर्फ अजित पवार को बताया बल्कि आने वाले दिनों में बीजेपी के कदमों को लेकर भी आगाह किया. बताया जा रहा है कि शिंदे अपनी जो बात अजित को समझाना चाहते थे उसमें वह सफल रहे. यही वजह कि उन्होंने बुधवार सुबह अपने सुरों को तुरंत बदल दिया.
अब क्या है शिंदे का रुख
अजित पवार से मुलाकात के बाद शिंदे के रुख में एक अलग एंगल नजर आया. शिंदे ने बुधवार को ये तो साफ कर दिया है अगर बीजेपी अपना सीएम बनाती है तो उन्हें एतराज नहीं है, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी शर्त भी सामने रख दी. शिंदे के मुताबिक कैबिनेट में गृहमंत्रालय शिवसेना के पास होना चाहिए. यही नहीं इसके लिए अलावा भी कुछ शर्तें उन्होंने फडणवीस को समर्थन देने में रखी हैं.
यही नहीं शिंदे ने यह भी साफ कर दिया है कि उनकी शर्तें नहीं मानी जाती है तो सरकार बनाते वक्त शिवसेना इसका हिस्सा नहीं होगी. शिंदे के तेवरों से साफ है कि वह अभी मानने के मूड में नहीं हैं.
शिंदे जानते हैं कि उनकी बगावत से न तो बीजेपी को कोई नुकसान होगा और न ही उन्हें कोई ज्यादा फायदा. लेकिन कहीं शिंदे की इस पूरी कवायद के पीछे देवेंद्र फडणवीस से दिक्कत तो नहीं. क्योंकि उनकी इस हठ के चलते सबसे बड़ा नुकसान देवेंद्र फडणवीस का हो सकता है. हो सकता है बीजेपी आलाकमान फडणवीस की जगह किसी अन्य नेता को सीएम फेस देकर महायुति को सुरक्षित रखे. ऐसा हुआ तो शिंदे अपने सबसे बड़े दांव में भी कामयाब हो जाएंगे.
महाराष्ट्र: शिंदे की शर्त और सीएम फेस पर रार, पढ़ें पूरी खबर
Topics
- Featured
- podcast
- technical
- अनोखेलाल
- अल्मोड़ा
- अल्मोड़ा
- अल्मोड़ा
- उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी
- उत्तराखंड
- उत्तराखंड चुनाव 2022
- उधमसिंह नगर
- उधमसिंह नगर
- एक नज़र इधर भी
- करियर
- कुमाऊं
- क्राइम
- क्रिकेट
- खुशखबरी
- खेल-खिलाड़ी
- गढ़वाल
- चंपावत
- चंपावत
- चंपावत
- चमोली
- चमोली
- चमोली
- चुनाव 2024
- ज़िला अल्मोड़ा
- ज़िला उत्तरकाशी
- ज़िला ऊधम सिंह नगर
- ज़िला चंपावत
- ज़िला चमोली
- ज़िला टिहरी
- ज़िला देहरादून
- ज़िला नैनीताल
- ज़िला पिथौरागढ़
- ज़िला पौड़ी
- ज़िला बागेश्वर
- ज़िला रुद्रप्रयाग
- ज़िला हरिद्वार
- ज्योतिष
- टिहरी
- टिहरी
- टिहरी
- टॉप कॉलेज
- टॉप स्कूल
- ताजा हलचल
- देश
- देहरादून
- देहरादून
- देहरादून
- धर्म
- नैनीताल
- नैनीताल
- नैनीताल
- पंजाब चुनाव 2022
- पर्यटन
- पर्यटन के आयाम
- पिथौरागढ़
- पिथौरागढ़
- पिथौरागढ़
- पौड़ी
- पौड़ी
- पौड़ी
- प्रतिभा सम्मान
- फोटो गैलेरी
- बड़ी खबर
- बागेश्वर
- बागेश्वर
- बागेश्वर
- बिजनेस
- मंथन
- मनोरंजन
- मौसम
- यूपी चुनाव 2022
- राज्य-नीतिक हलचल
- रिजल्ट
- रिलेशनशिप
- रुद्रप्रयाग
- रुद्रप्रयाग
- रुद्रप्रयाग
- लाइफस्टाइल
- लोकहित कार्य नीति
- विदेश
- वीडियो
- व्यवसाय की गति
- शिक्षा
- शिक्षा नीति
- सपनों का उत्तराखंड
- स्कॉलरशिप
- स्वास्थ्य
- हमारी विरासत
- हरिद्वार
- हरिद्वार
- हरिद्वार
- हादसा
- हैलो उत्तराखंड
- होम
More
Popular Categories