प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन घोटाले के सिलसिले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को 5 जुलाई को दिल्ली तलब किया है. संजय पांडे ने 2001 में पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया था.
उसके बाद उन्होंने एक आईटी ऑडिट फर्म बनाई थी, फिर जब उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया तो वे पुलिस सेवा में वापस आ गए और उन्होंने फर्म में अपने बेटे और मां को निदेशक बना दिया. पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे 30 जून को ही सेवानिवृत्त हुए हैं.
2010 और 2015 के बीच Isec Services Pvt Ltd नाम की फर्म को NSE सर्वर और सिस्टम का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था. इसी मामले को लेकर पहले इसमें सीबीआई ने जांच की थी और अब ईडी जांच कर कर रही है, जिसमें शामिल होने के लिए संजय पांडे को ईडी ने तलब किया है.
बता दें कि को-लोकेशन घोटाला से जुड़े डार्क फाइबर मामले में सेबी ने देश के सबसे बड़े एक्सचेंज एनएसई पर 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण पर भी जुर्माना लगाया गया है.
सेबी ने चित्रा रामकृष्ण पर 5 करोड़ रुपये व 2 पूर्व अधिकारियों सुब्रमण्यम आनंद और रवि वाराणसी पर 5-5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा सेबी ने इसी मामले में वे2वेल्थ ब्रोकर्स पर 6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह मामला 2014-15 का है.
गौरतलब है कि यह मामला एनएसई में ‘डार्क फाइबर’ के रूप में कुछ ब्रोकिंग कंपनियों को अन्य सदस्यों के मुकाबले सूचना प्राप्त कराने को लेकर है. इसमें दूसरे सदस्यों की तुलना में को-लेकेशन सुविधा से जुड़ने की सुविधा दी गई थी. नेटवर्क संपर्क के रूप में ‘डार्क फाइबर’ या यूनिट फाइबर का अर्थ ऐसे नेटवर्क से है, जो पहले से उपलब्ध है, लेकिन उसका उपयोग नहीं हुआ है.
यह सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक्स/उपकरण से जुड़ा नहीं होता है और उनके माध्यम से आंकड़ों का प्रवाह नहीं होता तथा यह ‘फाइबर ऑप्टिक कम्युनिकेशन’ में उपयोग के लिए उपलब्ध होता है.