Karnataka Election: प्रिंट विज्ञापनों के लिए क्लीयरेंस प्राप्त करने को लेकर चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी

चुनाव आयोग ने राजनीतिक विज्ञापनों में असत्यापित दावों की शिकायतों के मद्देनजर रविवार (7 मई) को सभी राजनीतिक दलों को एक एडवाइजरी जारी कर प्रिंट मीडिया में सभी राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व एप्लिकेशन के लिए उसके निर्देशों का पालन करने को कहा है, जिसमें निर्धारित समयसीमा का पालन करना भी शामिल है.

दिलचस्प बात ये है कि 31 मार्च, 2023 के राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व एप्लिकेशन पर चुनाव आयोग के निर्देशों के साथ रविवार (7 मई) को एडवाइजरी की एक प्रति, कर्नाटक के सभी प्रमुख समाचार पत्रों के संपादकों को भी भेजी गई थी. संपादकों को लिखे पत्र में प्रेस काउंसिल के पत्रकारिता आचरण के मानदंडों का संदर्भ दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों सहित सभी मामलों के लिए एक संपादक जिम्मेदार होगा. अगर जिम्मेदारी से इनकार किया जाता है, तो इसे पहले स्पष्ट रूप से कहा जाएगा.

एक सूत्र के अनुसार, इसका तात्पर्य यह है कि प्रकाशन के लिए असत्यापित दावों या आरोपों के साथ एक राजनीतिक विज्ञापन प्रस्तुत करते समय एक संपादक को उचित सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. 31 मार्च, 2023 के अपने निर्देशों को दोहराते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि ‘कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार राज्य या जिला स्तर में मीडिया एप्लिकेशन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) के जरिये इसकी सामग्री को पूर्व प्रमाणित किए बिना मतदान के दिन और मतदान के दिन से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा. ऐसे राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व एप्लिकेशन के लिए आवेदन विज्ञापन के प्रकाशन की प्रस्तावित तिथि से दो दिन पहले और मतदान के दिन से एक दिन पहले एमसीएमसी को प्रस्तुत किया जाना चाहिए’.

चुनाव आयोग की तरफ से शनिवार को कांग्रेस को कारण बताओ नोटिस के बाद, प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व एप्लिकेशन पर एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें अप्रमाणित लेकिन बहुत विशिष्ट भ्रष्टाचार दरों का हवाला देते हुए कथित रूप से बीजेपी शासन में वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियों और तबादलों के लिए और सरकारी ठेकों के लिए भी भ्रष्टाचार की दर वसूल की जा रही है.


चुनाव आयोग ने कांग्रेस से विज्ञापन में लगाए गए आरोपों के व्यावहारिक अनुभव पर साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा था. चुनाव आयोग के सूत्रों ने रविवार को बताया कि चुनाव आयोग को रविवार शाम 07:00 बजे की समय सीमा के बाद भी कांग्रेस का जवाब नहीं मिला है.

रविवार की एडवाइजरी में कहा गया है कि प्री सर्टिफिकेशन टाइमलाइन शुरू होने में 24 घंटे बाकी हैं, आयोग एक बार फिर दोहराता है कि 31 मार्च, 2023 के अपने निर्देश की भावना को राजनीतिक दलों के माध्यम से पालन करने की आवश्यकता है. पोल पैनल ने विस्तार से बताया कि ‘प्रिंट मीडिया में प्रकाशित आपत्तिजनक और भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों के उदाहरणों को अतीत में आयोग के ध्यान में लाया गया है. चुनाव के अंतिम चरण में ऐसे विज्ञापन पूरी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं’.

मुख्य समाचार

विज्ञापन

Topics

    More

    26/11 हमले के साजिशकर्ता ताहव्वर राणा दिल्ली पहुंचे, 16 साल बाद भारत की बड़ी जीत

    26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता ताहव्वर राणा...

    Related Articles