आजकल हर व्यक्ति के हाथ में मोबाइल है. बिना मोबाइल के व्यक्ति अधूरा है. यदि किसी का मोबाइल एक मिनट को भी बंद हो जाए तो आफत आ जाती है. लेकिन 1 जनवरी से लाखों सिम रार्ड कूड़े के ढेर में तब्दील हो जाएंगे. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं हुई है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि टेलीकॅाम कंपनी से डाटा मांगा गया है. पिछले साल दूरसंचार विभाग (DoT)ने सिम-कार्ड वेरिफिकेशन (sim card verification) की जो समय सीमा दी थी. अब वो समाप्त हो गयी है, इसलिए सूचना मिल रही है कि 1 जनवरी से लाखों सिमकार्ड पर कैंची चलना लगभग तय माना जा रहा है.
क्या है नियम?
दूरसंचार विभाग के मुताबिक भारत का कोई भी नागरिक अपने नाम से अधिकतम 9 सिम-कार्ड रख सकता है. जबकि जम्मू-कश्मीर और समेत पूर्वोत्तर के लिए 6 सिम रखने का प्रावधान है. विभागीय जानकारी के अनुसार एक आईडी पर 9 से ज्यादा सिम करना अवैध माना जाएगा. ऐसा कदम ऑनलाइन फ्रॉड, आपत्तिजनक कॉल की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है. इसलिए अवैध सिम रखने वाले लोगों के सिम कार्ड को रद्द करने का प्लान दूर-संचार विभाग कर रहा है. इससे पहले भी जनवरी माह अवैध सिम कार्ड को बंद किया गया था. इस बार भी सूचना मिल रही है कि लाखों अवैध सिम कार्डों को बंद कर दिया जाएगा.
इन पर होगा नियम लागू
9 से ज्यादा सिम चलाने वाले यूजर के सिम कार्ड की 30 दिनों अंदर आउटगोइंग कॉल और 45 दिनों में इनकमिंग कॉल बंद करने के लिए कहा गया है. साथ ही 2 माह या 60 दिन के अंदर सिम को पूरी डिएक्टीवेट करने की योजना दूर संचार विभाग बना रहा है. हालाकि इससे पहले विभाग कई बार स्वत: ही सिम-कार्ड बंद करने की अपील कर चुका है. DoT के मुताबिक अगर लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी की तरफ या फिर बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्थान की तरफ से मोबाइल नंबर के खिलाफ शिकायत मिलती है, तो ऐसे सिम की आउटगोइंग कॉल 5 और इनकमिंग कॉल 10 दिनों में बंद करने का आदेश दिया था.