देश में कई शहरों में मेट्रो रेल की सुविधा है और वहां के नियम भी लगभग एक जैसे ही हैं. अगर हम दिल्ली मेट्रो की बात करें तो यहां रोजाना लाखों यात्री सफर करते हैं. दिल्ली मेट्रो ने अनुशासन के लिए कई नियम बनाए हैं जो सभी पैसेंजर्स पर लागू होते हैं. आइये जानते हैं उस नियम को जिसे भंग करने पर आप पर जुर्माना नहीं बल्कि जेल भेजा जा सकता है.
दरअसल, दिल्ली मेट्रो में अनुशासन बनाए रखने के लिए वहां सिक्योरिटी के लिए सीआईएसएफ (Central Industrial Security Force) और अन्य लोग भी तैनात रहते हैं. इनकी जिम्मेदारी होती है कि वह दिल्ली मेट्रो को सुरक्षित बनाए रखें. इसके लिए हर मेट्रो स्टेशन पर अंदर घुसने के बाद सामान की चेकिंग और यात्री की भी चेकिंग होती है. इसमें वह किसी तरह का भेदभाव नहीं करते चाहे कोई कितना भी वीआईपी क्यों न हो.
कई बार ऐसा होता है कि हमें यह पता नहीं होता कि सिक्योरिटी वाले कितने महत्वपूर्ण होते हैं और हम उनसे उलझ जाते हैं तो ऐसा करना बहुत ही गलत हो जाता है. आपकी इस हरकत पर जेल भी हो सकती है. तो आगे से आपको कोई सिक्योरिटी वाला नजर आए तो उन्हें अपना काम करने दीजिए, कोई बखेड़ा मत खड़ा कर दीजिएगा.
बता दें कि दिल्ली मेट्रो का संचालन दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) करता है. यह केंद्र और राज्य का संयुक्त उद्यम है. ट्रेनों को 10 रंगों में बांटा गया है जो लाइनों की संख्या को बताती हैं. दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों की संख्या 256 है और मेट्रो ट्रेन के नेटवर्क की लंबाई करीब 392.44 किमी है. यह ट्रेनें सुबह 5:30 बजे से रात 11:30 बजे तक के बीच चलती हैं. दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों को दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम ने बनाई हैं.