आस्था के महापर्व माघ मेला प्रयागराज में अमावस्या स्नान के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा है. 14 घाटों से लोगों का जमावड़ा ही दिखाई दे रहा है. स्नान दान का कार्यक्रम सुबह से ही शुरू हो चुका है.
मौनी अमावस्या सुबह 6:16 से रविवार की रात 2:22 तक रहेगी. इसी बीच सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है. माघ मेले में श्रद्धालुओं के आने का कारवां प्रगति पर है.
माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने कारण इसे शनैश्चरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस साल मौनी अमावस्या आज यानी 21 जनवरी 2023 को है. कहा जाता है कि इस दिन दान धर्म कार्यों से यज्ञ और कठोर तपस्या जितने फल की प्राप्ति होती है.
मेला प्रशासन की ओर से बनाए गए 500 बेड की डॉरमेट्री फुल हो चुकी है. सुबह 8:33 से 9:52 के बीच आज स्नान दान का सबसे उत्तम मुहूर्त है. ड्रोन पायलट, जल पुलिस, 150 सीसी टीवी कैमरे, ब्लैक कमांडो स्नाइपर्स, 5000 पुलिस मेले के चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए रखे हैं. वहीं रेलवे ने 29 स्पेशल ट्रेनें औररोडवेज ने 2800 बसों को बढ़ाया है.
अमावस्या के एक दिन पहले ही सड़कों पर श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था. आसपास के जिलों के लोग सिर पर घर से गठरी लादे हुए मेले की तरफ कूच कर रहे थे. सभी पूण्य की डुबकी लगाने को प्रेममय थे.
करीब 8 किलोमीटर के दायरे में बसाया संगम मेला मेले में श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारी की गई है. सुबह 8:30 पर संगम नोज पर 4 राउंड में फूलों की बरसात की जाएगी.
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने मौनी अमावस्या के दिन दो करोड़ श्रद्धालुओं के संगम आने और स्नान करने की उम्मीद जताई है. भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन ने मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया है.