14 जुलाई से शुरू हुए सावन महीने का आज पहला सोमवार है. पूरे देश भर में शिवालयों में सुबह से ही भगवान भोलेनाथ जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की लाइन लगी हुई है. कांवड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है. हर तरफ बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं. सावन के पहले सोमवार पर द्वादश ज्योर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों को विशेष सुविधाएं मिलने वाली हैं. अनुमान लगाया गया है कि इस साल 5 लाख तक भक्त दर्शन के लिए आएंगे. वाराणसी, प्रयागराज और हरिद्वार समेत कई स्थानों पर शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ है. बेलपत्र, दूध और जल लेकर भक्त लंबी कतारों में खड़े अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-उपासना करने से लिए सबसे उत्तम समय होता है.
जिसमें पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. ऐसे में सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठते हुए घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद स्नान करें. स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति को स्थापित करते हुए व्रत का संकल्प लें. पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती की षोडशोपचार पूजन करें. इसके बाद घर के पास स्थित शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें. जलाभिषेक में गंगाजल, घी, गन्ने का रस, दूध और दही का प्रयोग करें.
पूजा के दौरान लगातार ऊं नम:शिवाय मंत्र का जाप करें. इसके बाद शिव मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति के समक्ष बैठकर शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें. इसके बाद शिव कथा और आरती करें. बता दें कि इस बार चार सावन सोमवार पढ़ रहे हैं. दूसरा सावन सोमवार 25 जुलाई, तीसरा 1 अगस्त और चौथा 8 अगस्त को है. 12 अगस्त सावन का आखिरी दिन है.