बालासोर हादसे की एकमात्र वजह कोरोमंडल एक्सप्रेस का पटरी से उतरना है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक वहां पर दो मेन लाइनें और दो लूप लाइनें थीं. मेन लाइन से कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी, वह डिरेल हुई और उसका एक हिस्सा लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराया और दूसरा हिस्सा दूसरी तरफ आ रही पैसेंजर ट्रेन से टकराया.
कोरोमंडल एक्सप्रेस का पीछे का हिस्सा पैसेंजर ट्रेन से टकराया है और आगे का हिस्सा पटरी से उतरने के बाद मालगाड़ी से टकराया है. इसकी वजह से ये हादसा हुआ. सूत्रों के मुताबिक अभी सिग्नल फेल होने की बात नहीं है और न ही कोई सीधी टक्कर हुई है.
ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना पर विपक्ष ने जानमाल के नुकसान पर शोक जताते हुए दुर्घटना के लिए सिग्नलिंग सिस्टम की विफलता को जिम्मेदार ठहराया था. विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के कारण रेलवे की सिग्नलिंग प्रणाली पर सवाल उठाया.
टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले ने ट्वीट करके कहा कि ‘एक कथित सिग्नलिंग विफलता के कारण 3 ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं, यह विश्वास से परे चौंकाने वाला है. गंभीर सवाल हैं जिनका जवाब देने की जरूरत है.’ वहीं भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी यही सवाल उठाया.
वहीं एनसीपी के नेता अजीत पवार ने कहा कि ‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, रेल विभाग को इसकी जांच कर जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. रेलवे को यात्रियों की जान को अहमियत देनी चाहिए. पहले रेल मंत्री ऐसे रेल हादसों पर इस्तीफा दे देते थे, लेकिन अब कोई बोलने को तैयार नहीं.’ जबकि केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने मुंबई में कहा कि ‘हमारी पहली प्राथमिकता घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना है…यह हादसा मानवीय गलती से हुआ है या तकनीकी कारण से हुआ है इसके लिए हाई लेवल जांच कमेटी का गठन किया गया है.