दूरदर्शन के तहत आने वाला सरकारी चैनल डीडी न्यूज अपने लोगो में किए गए बदलाव को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गया है. दरअसल, पिछले दिनों डीडी न्यूज ने अपने नए लोगो का अनावरण किया था. नए लोगो के कलर को रूबी लाल से बदलकर केसरिया कर दिया गया है. सरकारी चैनल के इस तरह भगवाकरण होने से इसकी आलोचना की जा रही है.
दूसरी तरफ ब्रॉडकास्टर ने इस मुद्दे को केवल विजुअल सौंदर्य में बदलाव के रूप में पेश किया है. विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले बदलाव को लागू करने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया है.
दरअसल, मंगलवार शाम को डीडी न्यूज़ ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अपने नए लोगो को एक वीडियो संदेश के साथ पोस्ट किया था. चैनल ने एक्स पर लिखा था “हालांकि हमारे मूल्य समान हैं, हम अब एक नए अवतार में उपलब्ध हैं. एक ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाइए जो पहले कभी नहीं देखी गई. बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें.” चैनल ने आगे लिखा “हमारे पास यह कहने का साहस है: गति से अधिक सटीकता, दावों से अधिक तथ्य, सनसनीखेज से अधिक सच्चाई… क्योंकि अगर यह डीडी न्यूज पर है तो यह सच है! डीडी न्यूज – भरोसा सच का.“
इसके तुरंत बाद टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार, जो 2012 और 2014 के बीच प्रसार भारती के सीईओ थे ने कहा, “नेशनल ब्रॉडकास्टर ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है. इसके पूर्व सीईओ के रूप में मैं इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं और महसूस कर रहा हूं – यह अब प्रसार भारती नहीं है, यह प्रचार (प्रचार) भारती है!”
एक अंग्रेजी अख़बार से बात करते हुए सरकार ने कहा, “यह सिर्फ लोगो नहीं है, सार्वजनिक प्रसारक के बारे में सब कुछ अब भगवा है. जहां सत्तारूढ़ दल के कार्यक्रमों और आयोजनों को अधिकतम प्रसारण समय मिलता है, वहीं विपक्षी दलों को अब शायद ही कोई जगह मिलती है.
वहीं लोगो में बदलाव के बाद विपक्ष की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नए लोगो में आकर्षक नारंगी रंग है. उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले जी-20 (शिखर सम्मेलन) से पहले हमने डीडी इंडिया का पुनरुद्धार किया था और उस चैनल के लिए ग्राफिक्स के एक सेट पर फैसला किया था. हम विजुअल्स और तकनीकी रूप से डीडी न्यूज़ के पुनरुद्धार पर भी काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “चमकीले, आकर्षक रंग का उपयोग पूरी तरह से चैनल की ब्रांडिंग और दृश्य सौंदर्य के बारे में है और किसी के लिए भी इसमें कुछ और पढ़ना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह केवल एक नया लोगो नहीं है, संपूर्ण रूप और अनुभव को उन्नत किया गया है.” वहीं अधिकारियों ने बताया कि जब 1959 में दूरदर्शन की शुरुआत हुई थी तो उस पर भगवा लोगो ही था. इसके बाद लोगो के लिए नीले, पीले और लाल जैसे अन्य रंग लाए गए.
दूसरी तरफ ब्रॉडकास्टर ने इस मुद्दे को केवल विजुअल सौंदर्य में बदलाव के रूप में पेश किया है. विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले बदलाव को लागू करने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया है.
दरअसल, मंगलवार शाम को डीडी न्यूज़ ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अपने नए लोगो को एक वीडियो संदेश के साथ पोस्ट किया था. चैनल ने एक्स पर लिखा था “हालांकि हमारे मूल्य समान हैं, हम अब एक नए अवतार में उपलब्ध हैं. एक ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाइए जो पहले कभी नहीं देखी गई. बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें.” चैनल ने आगे लिखा “हमारे पास यह कहने का साहस है: गति से अधिक सटीकता, दावों से अधिक तथ्य, सनसनीखेज से अधिक सच्चाई… क्योंकि अगर यह डीडी न्यूज पर है तो यह सच है! डीडी न्यूज – भरोसा सच का.“
इसके तुरंत बाद टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार, जो 2012 और 2014 के बीच प्रसार भारती के सीईओ थे ने कहा, “नेशनल ब्रॉडकास्टर ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है. इसके पूर्व सीईओ के रूप में मैं इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं और महसूस कर रहा हूं – यह अब प्रसार भारती नहीं है, यह प्रचार (प्रचार) भारती है!”
एक अंग्रेजी अख़बार से बात करते हुए सरकार ने कहा, “यह सिर्फ लोगो नहीं है, सार्वजनिक प्रसारक के बारे में सब कुछ अब भगवा है. जहां सत्तारूढ़ दल के कार्यक्रमों और आयोजनों को अधिकतम प्रसारण समय मिलता है, वहीं विपक्षी दलों को अब शायद ही कोई जगह मिलती है.
वहीं लोगो में बदलाव के बाद विपक्ष की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नए लोगो में आकर्षक नारंगी रंग है. उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले जी-20 (शिखर सम्मेलन) से पहले हमने डीडी इंडिया का पुनरुद्धार किया था और उस चैनल के लिए ग्राफिक्स के एक सेट पर फैसला किया था. हम विजुअल्स और तकनीकी रूप से डीडी न्यूज़ के पुनरुद्धार पर भी काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “चमकीले, आकर्षक रंग का उपयोग पूरी तरह से चैनल की ब्रांडिंग और दृश्य सौंदर्य के बारे में है और किसी के लिए भी इसमें कुछ और पढ़ना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह केवल एक नया लोगो नहीं है, संपूर्ण रूप और अनुभव को उन्नत किया गया है.” वहीं अधिकारियों ने बताया कि जब 1959 में दूरदर्शन की शुरुआत हुई थी तो उस पर भगवा लोगो ही था. इसके बाद लोगो के लिए नीले, पीले और लाल जैसे अन्य रंग लाए गए.