बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को राजधानी पटना में कांग्रेस और एनएसयूआई (NSUI) की ओर से निकाली गई ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा के अंतिम दिन जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस नेता और एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार समेत कई वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
बताया जा रहा है कि पदयात्रा के समापन पर कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपने के लिए सीएम आवास की ओर बढ़ रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. कई प्रदर्शनकारियों को चोटें भी आई हैं.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य में बेरोजगारी और पलायन की समस्या विकराल होती जा रही है और सरकार इस पर गंभीर नहीं है. कन्हैया कुमार की अगुवाई में शुरू हुई यह यात्रा राज्य के विभिन्न जिलों से होते हुए पटना पहुंची थी. आज इसके समापन पर सीएम आवास घेराव की योजना थी, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई की.
पुलिस ने कन्हैया कुमार के साथ-साथ युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब और प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीब दास को भी हिरासत में लिया है. सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कोतवाली थाना ले जाया गया है.
इस पूरी घटना को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने का आरोप लगाया है. पार्टी का कहना है कि जनता की समस्याओं को उठाना उनका संवैधानिक अधिकार है, लेकिन सरकार जनआंदोलनों से डर रही है और पुलिस के जरिए उन्हें कुचलने की कोशिश कर रही है. हालांकि, बिहार की राजनीति में यह घटनाक्रम नए सियासी मोड़ की ओर इशारा करता है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के आंदोलन और तेज हो सकते हैं.